हमारे भारत की कुछ विशेषता - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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21 अक्तूबर 2018

हमारे भारत की कुछ विशेषता

मधेपुरा
यहाँ लड़कियों की इज़्ज़त की काफी चिंता रहती है हमारे समाज को, माता पिता से ज्यादा टेंशन तो हमारे समाज के लोगो को होती हैं, बहु बेटियों की. और यहाँ बात बात पर इज़ज़त नाम की चिड़िया 5G के स्पीड में जाती आती रहती हैं.
            कब कहाँ किधर से ये इज़्ज़त नाम की चिड़िया चली जाती हैं, हम लड़कियों को ये आज तक समझ ही नही आई. 1.लड़कियां जोर से हँस दे, तो घर की इज़्ज़त चली जाती है. 2.लड़कियां देर सुबह तक सोये तो घर की इज़्ज़त जाने लगती है,लेकिन हाँ माँ के एक बार बुलाने से सारे काम कर देने से वही गयी हुई इज़्ज़त फिर 6G के स्पीड से वापस भी आ जाती हैं. 3.सुबह अगर काम से निकले और शाम को चाहे थक कर मर कर भी घर क्यों न लौटे, लेकिन सुबह से शाम तक मोहल्ले की आंटी द्वारा उन्हें न देख पाने से भी इज़्ज़त जाने लगती हैं.
                 4.बेटा चाहे लाख नालायक हो, आवारागर्दी कर के ढेर शाम तक भी क्यों न लौटे, लेकिन भाई वो हैं तो लड़का और लड़का नही घर से बाहर रहेगा तो मर्द कैसे बनेगा? मर्द होने के लिये भी भारत मे नियम हैं, लड़का चाहे छोटा हो या  नालायक घर में बड़ी बहन पर लगाम लगाएगा, घर मे रोब दिखयेगा, ख़ुद पतलून पहनने आता हो या नहीं लेकिन घर की लगाम लगाएगा. 5.लड़की चाहें बाहर का पूरा काम खुद से क्यों न कर ले,लेकिन भाई रसोई नही संभाल सकती तो उसको कुछ नही आता हैं उसको तो कुछ आता ही नहीं हैं.
                      6.लड़की लड़के से बात भी कर ले,तो आवारा हैं, चरित्रहीन हैं. यहाँ भी इज़्ज़त जाने की संभावना 10G हैं. 7.लड़की ज्यादा देर फ़ोन पर बात करे तो इज़्ज़त जाने लगती हैं. 8.लड़की अगर ग़लत बात बर्दाश्त न करे और जवाब दे तो इज़्ज़त जाने लगती हैं. 9.लड़किया कही रात में रुक जाए तो इज़्ज़त जाने लगती हैं, घर देर से लौटे तो भी वही इज़्ज़त जाने लगती हैं.
                   10. लड़कियों की शादी देर से हो तो इज़्ज़त जाने लगती है,पूरे  मोहल्ले की और कोई लड़की अगर शादी नही करना चाहे अपने ही घर मे रहना चाहें तब तो सुनामी ही आ जाए. और इतने इज़्ज़त की परवाह करने वाले देश में आज लड़कियों की इज़्ज़त खुद किसी के भाई, देवर,पिता,मामा, चाचा,ससुर,सरेआम ले रहे है, उनकी इज़्ज़त से खेल रहे हैं. और मज़े की बात तो ये हैं कि ऐसे लोगों को बेनक़ाब करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में भी लड़कियों की ही इज़ज़त जाने लगती हैं.
(कल्पना:- ट्विंकल कर्मकार) 

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