प्रधानाचार्य ने हमें वृक्षों से प्राणवायु ऑक्सिजन से लेकर सुगंधित पुष्प, रसदार फल और स्वास्थ्यवर्धक औषधियाँ तक सैकड़ों चीजें प्राप्त होती हैं. आज कोरोनाकाल में हमें जिस ऑक्सिजन का महत्व पता चल रहा है, वह वृक्ष हमें सदियों से उपहार स्वरूप देते आ रहे हैं. एक वृक्ष अपने जीवन में करोड़ों रूपए का ऑक्सिजन देता है. प्रधानाचार्य ने कहा कि हम न केवल महाविद्यालय परिसर, बल्कि अपने घर-आंगन को भी हराभरा बनाने हेतु प्रतिबद्ध हों. हम सब कम-से-कम दस वृक्ष लगाएं और उसकी सुरक्षा एवं देखभाल भी करें.
इस अवसर पर मुख्य शाखा प्रबंधक वार्ड नं. 3 की वार्ड पार्षद डॉ. अभिलाषा कुमारी ने कहा कि पंचायती राज के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण की कई योजना है. बिहार सरकार की जल-जीवन-हरियाली योजना काफी कारगर हो रही है. प्रधानाध्यापिका एलिस कुमारी ने कहा कि वृक्ष का हमारे जीवन में अत्यंत महत्व है. वृक्ष लगाना प्रकृति - पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ मानव-जीवन की रक्षा के लिए भी जरूरी है. वृक्ष के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती हैै.
सी. एम. साइंस काॅलेज, मधेपुरा में गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. पूनम ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमेशा से पर्यावरण संरक्षण की हिमायती रही है. इसमें भारतीय महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. महिलाओं द्वारा किया जाने वाला वट सावित्री पूजा, छठ पूजा आदि पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है. इस अवसर पर मनोविज्ञान विभाग, सी.एम.साइंस काॅलेज, मधेपुरा में व्याख्याता डॉ. ललन कुमार ललन, जंतु विज्ञान विभाग, सीएम साइंस काॅलेज, मधेपुरा में व्याख्याता शिवनाथ गुप्ता, बीएनएमभी काॅलेज, मधेपुरा के पूर्व प्रयोगशाला प्रभारी रामदेव मेहता, जनार्दन सादा, पिंटू कुमार आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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