डेस्क: बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में अदालत ने सोमवार को पूर्व सांसद व जन अधिकार पार्टी (जाप) सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को जमानत दे दी. सब जज-14 अमलेश कुमार सिंह की अदालत ने पप्पू को जमानत दे है. साथ ही अदालत ने पप्पू यादव को हिदायत दी है कि आगे आप ऐसा कार्य नहीं करेंगे. पप्पू यादव के अधिवक्ता पांडे संजय सहाय ने बताया कि पप्पू पर गर्दनीबाग इलाके में बिना अनुमति के प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप था. इस संबंध में गर्दनीबाग थाने में मामला दर्ज किया गया था. हालांकि अभी पप्पू को जेल में ही रहना होगा, क्योंकि अपहरण के मामले में उन्हें अभी जमानत नहीं मिली है.
बता दें कि मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को अपहरण के एक 32 साल पुराने मामले में जेल में बंद हैं. पप्पू यादव पर वर्ष 1989 के दौरान सूचक शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में पटना पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार कर मधेपुरा पुलिस को सौंपा था. वहीं पटना में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर भी पप्पू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद से जाप कार्यकर्ता लगातार उन्हें रिहा करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
(सोर्स:- दैनिक जागरण)
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