सेमिनार का उद्घाटन करते हुए बिहार के चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट और संगठन के राज्य सचिव रंजीत पण्डित ने कहा कि आजादी का संकल्प पूरा करने के लिए छात्र युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 1936 में देश के कोने कोने से आए 936 छात्र प्रतिनिधियों के साथ लखनऊ के गंगा प्रसाद मेमोरियल हॉल में मोहम्मद अली जिन्ना और पण्डित नेहरू की गरिमामई उपस्थिति में एआईएसएफ की स्थापना की गई. आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ आजादी के बाद भी लगातार शिक्षा व समाज हित में संघर्ष कर रहा है. आजादी के आंदोलन में भाग लेने व इतिहास रखने का एकमात्र गौरव एआईएसएफ है. उन्होंने कहा कि अपने इस उपलब्धि भरी दौर के साथ संगठन को और आगे ले जाने की जरूरत हैै.
संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष व बीएनएमयू प्रभारी प्रो मनोज कुमार ने कहा कि उन्हें गर्व है कि छात्र जीवन में वो एआईएसएफ के संघर्ष के हिस्सा रहे. उपस्थित छात्रों से उन्होंने संगठन को मजबूत करने और अपने सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ने पर बल देते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में संगठन को लेकर जाने की पहल सराहनीय कदम है. राष्ट्रीय परिषद् सदस्य सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि संगठन की बीएनएमयू इकाई द्वारा पिछले साल स्थापना दिवस पर एक साल के कार्यक्रम का आगाज किया गया जिसके अन्तर्गत साल भर परिचर्चा, आंदोलन, सम्मान समारोह सहित बड़े स्तर पर वृक्षारोपण का आयोजन किया गया.
वहीं स्थापना दिवस पर उन्होंने संगठन के संकल्प के बारे में बताते हुए कहा कि बीएनएमयू में बीएड प्रकरण, गर्ल्स,एससी, एसटी निशुल्क शिक्षा, बीएनएमयू के प्राय कॉलेज में स्थाई प्राचार्यों की कमी, अविलंब पैट की परीक्षा कराने सहित अन्य मुद्दों पर संघर्ष तेज किया जाएगा. शिक्षक धीरेन्द्र कुमार विद्यार्थी व विनीत कुमार ने कहा कि स्थानीय स्तर पर विभिन्न मुद्दों को लेकर एआईएसएफ का संघर्ष सबसे आगे रहता है छात्र हित में इसका पहल सराहनीय है. एआईएसएफ जिला सचिव मन्नू कुमार, एआईएसएफ जिलाध्यक्ष मन्नू कुमार, छात्रा नेत्री मुस्कान, ने इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि संगठन के गौरवशाली इतिहास के साथ छात्र छात्राओं के बीच जाकर संगठन को और मजबूत किया जाएगा.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन के राज्य परिषद् सदस्य सौरव कुमार ने कहा कि संगठन छात्र हित में हर दौर अग्रिम पंक्ति में संघर्ष के साथ मुखर आवाज बना है. इस अवसर पर लक्ष्मण, निशा भारती, स्वीटी, प्रीति, रूपम, नेहा, डोली, आश्ठा, जुली, निशा, लभली, प्रह्लाद, सुधांशु, अभिमन्यु, जीवन ज्योति आशीष सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने भागीदारी की.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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