
बेगूसराय: नगर-निगम क्षेत्र के नागदह, वार्ड नम्बर 13 मोहल्ले के एक बहुप्रतिभाशाली रंगकर्मी अमरेश कुमार का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में चयन हुआ है. इस सफलता की खुशी में भारतीय रंगमंच के मजबूत स्तंभ वरिष्ठ रंग-निर्देशक संजय उपाध्याय, गुरु विश्वजीत, दयालकृष्ण नाथ, नाटककार सुशील कुमार, हसन इमाम, चित्रकार सीताराम आर्टिस्ट, अमित रौशन, अभय सिन्हा, सुरेश कुमार हज्जु सहित पूरे बिहार रंगमंच के कई नाट्य निर्देशक व रंगकर्मीयों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ढेर सारी बधाईयाँ सहित अमरेश को सकारत्मक सोच के साथ नई पाली आरंभ करने की अशेष शुभकामनाएं दिए. युवा अभिनेता अमरेश कुमार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के प्रति विशेष आभार प्रकट करते हुए कहा कि ईमानदारी और सच्चाई के एक जीवंत रंगकर्म को यह सफ़लता मिली है.
 |
रंगकर्मी अमरेश कुमार |
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए हमने रंगक्षेत्र में कड़ी मेहनत कर 2017 से ही लगातार प्रयासरत हैं व आवेदन करते रहे हैं जो बार-बार असफ़ल होने के बाद आज मई 2022 में चौथी बार में यह सफ़लता हासिल हुई है. यह उपलब्धि नए रंगकर्मी साथियों के लिए एक नया मिशाल साबित हुआ है. अतः रंगकर्म के क्षेत्र में ईमानदारी के साथ धैर्यपूर्वक कठिन परिश्रम करने वाले रंगकर्मी को अवश्य सफ़लता मिलेगी इसका पुख़्ता प्रमाण मैं खुद हूँ. नाट्य विद्यालय से नाट्यविधा के विभिन्न आयामों का रंग-प्रशिक्षण प्राप्त कर रंगमंचीय समर्पण के साथ जीवन के अंतिम समय तक रचनात्मक कार्यों के साथ अपने रंगकर्म को सकारात्मक रूप से निभाऊंगाा. गृहिणी माताश्री जयमाला देवी व पिता स्व० शिवचन्द्र राय के मंझले पुत्र अमरेश कुमार अपने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता सहित अपने ज्येष्ठ भाई अमरेंद्र कुमार, अविनाश कुमार (अनुज) तथा एकलौती बहन रानी कुमारी को दिया है.
हरेक विषम परिस्थितियों में भी इनका रंगमंच के प्रति सकारात्मक सहयोग की भावना के साथ विशेष योगदान मिलता रहा है। इनके विशेष सहयोग के वजह से ही आज हमें सफ़लता मिली है। साथ ही वरिष्ठ रंगकर्मी हरीश हरिऔध, प्रवीण कुमार गुंजन, संतोष कुमार राणा तथा इम्तियाजुल हक डब्लू, अजय कुमार भारती आदि रंगकर्मी साथियों का भी इस सफलता में एक महत्वपूर्ण रंगमंचीय सहयोग रहा है। साथ ही परीक्षा तैयारी में विशेष सहयोग करने वाले युवा रंगकर्मी राहुल सावर्ण का अभिनेता अमरेश के प्रति एक उर्जात्मक योगदान रहा। इस सफलता से बेगूसराय रंगमंच सहित पूरे बिहार रंगमंच के इतिहास में पुनः एक नई ऊर्जा व नई उपलब्धि हासिल हुई है. विदित हों कि सक्रिय युवा रंगकर्मी अमरेश कुमार को एनएसडी नई दिल्ली के कार्यालय से फ़ोन कॉल तथा मेल के माध्यम से जानकारी मिली हैै. अंतिम चयन कार्यशाला में चयनित छात्रों की प्रतीक्षा-सूची से उनका चयन हुआ है. अतः अंतिम रूप से चयनित छात्रों में किसी एक का स्थान खाली होने से अमरेश का चयन किया गया है.
अमरेश बेगुसराय से एनएसडी जाने वाले नवमें छात्र हैंं. जो रंगमंच के क्षेत्र में लगातार अपने प्रयोगधर्मी रंगकार्यों से मेधावी, जिज्ञासु व एक जागरूक अभिनेता के रूप में बेगूसराय रंगमंच के साथ-साथ पूरे बिहार-रंगमंच में अपने रंगकर्म की सक्रियता बनाए हुए हैंं. ये विभिन्न नाट्य-संस्थाओं जन संस्कृति मंच बेगूसराय की नाट्य इकाई रंगनायक, आकाशगंगा रंग चौपाल बरौनी, द फैक्ट आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी, सोशल कल्चर एंड वेलफेयर सोसाइटी, सुरभि रूरल डिवेलपमेंट सोसाइटी, नवोदित, न्यू एज थिएटर रंगमण्डल, कला सागर नाटक समिति कानपुर (उ.पु.), रास कला मंच सफीदो (हरियाणा) आदि सहित कई रंग-निर्देशकों के नाटकों में मुख्य भूमिका के साथ-साथ पार्श्व रंगमंच में भी एक बेहतर कार्य करने की उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.
रंगकर्मी अमरेश में नाट्यकला व साहित्य के प्रति विशेष लगाव बाल्यकाल अर्थात विद्यालय जीवन से ही जुड़ा रहा है. पहली बार 2002 में मध्य विद्यालय हर्रख के कक्षा छह में अध्ययनशील छात्र के रूप में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता व गीत-संगीत कार्यक्रम में भाग लेकर नाट्य गतिविधि की शुरुआत की। विधिवत रूप से रंगमंचीय शुरुआत 2006 में तत्कालीन ग्राम-पंचायत नागदह (नगर-निगम) में ग्रामीण रंगमंच से हुई तथा अपने बड़े भाई अमरेंद्र कुमार के परामर्श पर नागदह, वार्ड 13 कपसिया के निवासी युवा रंगकर्मी देवानंद सिंह के मार्गदर्शन में 2009 में दिनकर कला भवन (तत्कालीन नगर भवन) में बेगूसराय रंगमंच से जुड़कर आधुनिक रंगमंच में सक्रिय रूप से कार्य कर एक कुशल अभिनेता के तौर पर अपनी पहचान बनाए हैं.
रंगमंचीय यात्रा सहित अमरेश की प्रारंभिक पठन-पाठन पिता शिवचन्द्र राय के मार्गदर्शन में नागदह के एक निजी विद्यालय में हुई तथा माध्यमिक स्तर की पढ़ाई मध्य विद्यालय हर्रख और उच्च विद्यालय ज्ञानभारती बेगूसराय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा हेतु जिले के प्रसिद्ध महाविद्यालय जी.डी. कॉलेज बेगूसराय से अंग्रेजी विषय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. ये नाट्यशास्त्र विषय में 2019 में विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग (ल.ना.मिथिला वि.वि. दरभंगा) द्वारा प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर किये हैं। साथ ही अध्ययन के दौरान कई बार जिला युवा महोत्सव तथा महाविद्यालय सह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय युवा महोत्सव से लेकर ऑल इंडिया विश्वविद्यालय युवा महोत्सव में भी नाट्य प्रतियोगिता में भाग लेकर अनेकों गोल्ड, सिल्वर व कांस्य मेडल तथा प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके हैं.
वहीं इन्होंने उत्तरप्रदेश (कानपुर) के चर्चित नाट्य-निर्देशक शिवशरण मिश्र तथा हरियाणा (सफीदो) के रंग-निर्देशक रवि मोहन तथा बेगूसराय रंगमंच के रंग-निर्देशक हरीश हरिऔध, प्रवीण कुमार गुंजन, गणेश गौरव, संतोष कुमार राणा, अवधेश, दीपक सिन्हा, इम्तियाजुल हक़ डब्लू, कुंदन सिन्हा, गुंजन सिन्हा, सुनीत साना (मधेपुरा), सचिन कुमार, हरिकिशोर ठाकुर, मोहित मोहन, महिला अभिनेत्री अंकिता सिन्हा, मोनिका कांति, सुरभि रंगमंडल के संचालक अजय कुमार भारती, चंदन कुमार सोनू, राहुल सावर्ण आदि बेगूसराय रंगमंच के लगभग सभी आयोजकों, रंग-निर्देशकों तथा अभिनेता व अभिनेत्रियों के साथ काम कर एक अच्छे अनुभव को प्राप्त किया तथा अपने रचनात्मक कार्य से स्वयं को एक प्रभावशाली अभिनेता के रूप में स्वयं को स्थापित किया.
इन्होंने चर्चित नाटक विश्व प्रसिद्ध नाटककार विलियम शेक्सपियर की रचना मैकबेथ भारतीय नाटककार हवीब तनवीर की रचना चरणदास चोर, गोदान (मुंशी प्रेमचंद), कुमति नगर का किस्सा (संतोष कौशिक), कोणार्क (जगदीशचन्द्र माथुर), यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते (मंजरी श्रीवास्तव), उरुभंगम (महाकवि भास), जल डमरू बाजे (रामेश्वर प्रेम), हवा-रोको (डॉ कुमार संजय), पोलटिस (हसन इमाम), सैयां भए कोतवाल (बसन्त सबनीस), कथा (सुधांशु फिरदौस), बिदेसिया (भिखारी ठाकुर), गबरघिचोर (भिखारी ठाकुर), रश्मिरथी (राष्ट्रकवि दिनकर), कोमल गांधार (शंकर शेष) आदि विभिन्न श्रेष्ठ कहानी संग्रह एवं कविता संग्रह का नाट्य-प्रदर्शन कर सशक्त भूमिका निभा चुके हैं.
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....