दीक्षांत जैसे शिक्षा के पावन पर्व को राजनीति के दलदल में न घसीटे बीएनएमयू - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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28 जुलाई 2022

दीक्षांत जैसे शिक्षा के पावन पर्व को राजनीति के दलदल में न घसीटे बीएनएमयू

मधेपुरा: तीन अगस्त को बीएनएमयू में होने जा रहे चौथे दीक्षांत समारोह में लगातार मांग उठ रही थी कि समारोह के मुख्य बिंदु दीक्षा भाषण किसके द्वारा दिया जायेगा. विगत दिनों इसके लिए ऊर्जा मंत्री का नाम आते ही इसपर विवाद शुरू हो गया है. इसी कड़ी में मंगलवार को एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने महामहिम कुलाधिपति सह राज्यपाल को पत्र लिख समस्त बातों से अवगत कराते हुए दीक्षा भाषण के लिए किसी विद्वान शिक्षाविद् के नाम की मांग की है. महामहिम को लिखे पत्र में एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा है कि बीएनएमयू के चौथे दीक्षांत समारोह में दीक्षा भाषण के लिए माननीय ऊर्जा मंत्री के नाम की घोषणा होते ही कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं मुख्य रूप से लोग इसे दीक्षांत में राजनीति और विश्वविद्यालय द्वारा सरकार की चापलूसी तक की संज्ञा भी दे रहे हैं सवाल यह भी उठने लगा है कि अगर बतौर मंत्री बिजेंद्र यादव मंच पर होंगे तो कोसी से ही आने वाले मंत्री नीरज कुमार, और आलोक रंजन क्यों नहीं. 

दीक्षा भाषण मूलतः विद्वानों द्वारा छात्रों को शिक्षा के अंत में दिया गया वह मूलमंत्र है जो जो उसके आगामी जीवन में काम आता है. इसके लिए निसंदेह विद्वान शिक्षाविद् को ही स्थान दिया जाना चाहिए. इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान दूषित हो रही राजनीति में माननीय ऊर्जा मंत्री जहां एक उम्मीद की किरण है वहीं सूबे के स्थापित वरीय नेता मात्र ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के समकक्ष के नेता माने जाते हैं लेकिन दीक्षा भाषण उनका कार्य नहीं प्रतीत होता. उससे माननीय ऊर्जा मंत्री का नाम विवादों से जुड़ेगा भी साथ ही चापलूसी का शिकार होना पड़ेेगा. दीक्षा भाषण के लिए राठौर ने प्रांतीय स्तर के उन नामों की चर्चा भी पत्र में की जो बिहार की उपज होकर आज राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पटल के बड़े हस्ताक्षर हैं इस कड़ी में राठौर ने बिहार में पद्म श्री से सम्मानित पूर्व कुलपति प्रो राम जी बाबू, गणितज्ञ आंनद कुमार, पूर्व डीजीपी अभयानंद, हिंदी के चर्चित हस्ताक्षर बलराम तिवारी,पूर्व कुलपति प्रो आर पी श्रीवास्तव, प्रो ए के राय जैसे नामों की चर्चा भी की है. राठौर ने साफ शब्दों में लिखा भी है कि अगर विद्वान शिक्षाविद् को नहीं बुलाया गया तो दीक्षांत जैसा आयोजन राजनीति का शिकार हो जाएगा. 

इस सम्बन्ध में एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव को भी पत्र लिख आग्रह किया है कि दीक्षा भाषण से अपना नाम वापस लेते हुए किसी विद्वान शिक्षाविद् के नाम को प्रस्तावित करेंगे तो आपका कद भी बढ़ेगा और दीक्षांत समारोह जैसे कार्यक्रम को राजनीति से बचाया भी जा सकेगा राठौर ने ऊर्जा मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आप बिहार के उन चुनिंदा नेताओं में से आते हैं जो विवाद, बयानबाजी के जगह अपने काम से जाने जाते हैै. दीक्षा भाषण के लिए उनका नाम डालकर उन्हें विवादों में डालने की चापलूसी की साजिश चल रही है।एआईएसएफ मांग करती है कि अब भी वक़्त है अगर किसी विद्वान शिक्षाविद् को दीक्षा भाषण के लिए बुलाया जाता है और राजनीतिक प्रयोग से बचा जाए तो यह दीक्षांत विवादों से परे अपने उद्देश्य व ऊंचाई को प्राप्त कर सकेगा.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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