डेस्क: सहरसा स्टेशन पर यात्री गर्म पानी पीने को मजबूर हैं. यात्रियों को कम खर्च पर ठंडा और शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के लिए रेलवे विभाग की ओर से आरओ मशीनें लगाई गई हैं परंतु मशीनों के बंद पड़ा होने के कारण यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर लगे साधारण नलों से ही पानी पीना पड़ रहा हैं. ट्रेन आने पर यात्री इन मशीनों के पास पानी लेने पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. इससे रोज हजारों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
मधेपुरा खबर की टीम की ओर से रविवार को जब रेलवे स्टेशन का दौरा किया गया तो देखा कि रेलवे की ओर से स्टेशन पर 1 रुपये में एक गिलास पानी, 5 रुपये में एक लीटर पानी और 20 रुपये 5 लीटर पानी उपलब्ध करवाने को लेकर लगी आरओ मशीनें बंद हुई पड़ी थी. सभी प्लेटफार्मों पर लगी आरओ मशीनों पर ऑपरेटर न होने से लोग साधारण नलों से पानी पीकर गुजारा कर रहे है या फिर उनको मंहगे दाम पर पानी की बोतल लेकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही हैं. उधर, रेलवे विभाग द्वारा रेलवे स्टेशनों पर सस्ते मूल्य पर रेल नीर उपलब्ध करवाने के दावे भी झूठे साबित होते नजर आ रहे हैं.स्टेशन पर अधिकतर स्टालों व ठेलों पर रेल नीर की बजाय घटिया क्वालिटी का पानी, जिसमें ठेकेदार को अधिक मुनाफा मिलता है, ही बेचा जा रहा है. चाहे उन बोतलों पर आईएसआई का मार्का लगा है परन्तु प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके थोक रेट बाजार में बहुत कम हैं. यहीं कारण है कि उक्त स्टालों पर रेल नीर या तो मिलता ही नहीं अगर किसी एक आध दुकानदार के पास है तो उसने उसे छिपाकर काऊंटर के नीचे रखा हुआ हैं. रेलवे स्टेशन पर एक दुकानदार ने अन्य ब्रांड की बोतल के 20 रूपये ही मांग लिये जिस पर एमआरपी 15 रुपये थी.
वहीं एक अन्य दुकान से रेलवे नीर की बोतल मांगी गई तो उसने बताया कि उसके पास सिर्फ एक निजी कंपनी का पानी ही हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या रेलवे के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, या रेल प्रशासन की मिलीभगत से स्टेशन परिसर में घटिया क्वालिटी का पानी बेचा जा रही है.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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