गोदान हिन्दी साहित्य का जाज्वल्यमान प्रकाश-स्तंभ है: डॉ. मधेपुरी - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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1 अगस्त 2022

गोदान हिन्दी साहित्य का जाज्वल्यमान प्रकाश-स्तंभ है: डॉ. मधेपुरी

मधेपुरा: महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की 143वीं जयंती मधेपुरा नगर परिषद स्थित वार्ड नंबर 4 के यूएस टीचिंग इंस्टीट्यूट परिसर में जन लेखक संघ के बैनर तले प्रो.(डॉ.) गजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में मनाई गई. इस जयंती समारोह का उद्घाटन समाजसेवी-साहित्यकार प्रो. (डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने की. अपने उद्घाटन संबोधन में डॉ.मधेपुरी ने कहा कि हर बड़े रचनाकार के साथ मुख्य रूप से उसकी एक कृति का नाम जुड़ा होता है. जैसे तुलसीदास के साथ 'रामचरितमानस', शेक्सपियर के साथ 'हेमलेट', कालिदास के साथ 'अभिज्ञान शाकुंतलम्' और टैगोर के साथ 'गीतांजली', उसी तरह प्रेमचंद के साथ 'गोदान' का नाम जुड़ा है. गोदान प्रेमचंद की सर्वोत्तम कृति है. 

गोदान हिन्दी साहित्य का जाज्वल्यमान प्रकाश-स्तंभ है. गोदान भारतीय ग्राम्य जीवन एवं कृषि संस्कृति का महाकाव्य है. गोदान में प्रगतिवाद, गांधीवाद एवं मार्क्सवाद के सजीव चित्रण के दर्शन होते हैं. गोदान की आत्मा है होरी, परंतु उस आत्मा की काया को पीड़ित जनों के कुशल चितेरे प्रेमचंद ने करीने से धनिया के सहारे गढ़ी है. तभी तो बड़े-बड़े साहित्यकारों की ऐसी मान्यता है कि धनिया गोदान की पूर्णता है. मुख्य अतिथि पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.केके मंडल, पूर्व प्राचार्य प्रो.सच्चिदानंद यादव एवं पूर्व कुलसचिव प्रो.शचींद्र ने विस्तार से यही कहा कि ऋणग्रस्तता के अभिशाप में पिसते  भारतीय कृषक समाज की जर्जर हालात प्रेमचंद के गोदान में प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलते हैं. 

उन्होंने धनिया को होरी की परछाई कहा और यह भी कि धनिया के बिना न तो किसी होरी की परिकल्पना की जा सकती है, न किसी किसान के घर की और ना ही भारतीय ग्राम्य जीवन की ही. विशिष्ट अतिथि इंजीनियर हरिश्चंद्र मंडल, प्रो.(डॉ.)सीताराम शर्मा एवं प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार ने प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहा और गोदान की नायिका धनिया की भरपूर प्रशंसा करते हुए यही कहा कि धनिया जात-बिरादरी, समाज, कानून आदि की परवाह किए बिना वही आचरण करती जो उसे सही लगता. जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.महेंद्र नारायण पंकज ने संक्षेप में यही कहा कि होरी भारतीय किसान का प्रतीक है, धनिया कृषक पत्नी की प्रतिनिधि और प्रेमचंद हिन्दी साहित्य का युग प्रवर्तक है. 

अंत में यूएस टीचिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.ओम प्रकाश ओम ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर जिला सचिव डॉ.गजेंद्र कुमार, डॉ.प्रमोद कुमार सूरज, राकेश कुमार द्विजराज, डॉ.सिकंदर गुप्ता, डॉ.मुख्तार पासवान, सुभाष चंद्र प्रभाकर, मनोज कुमार मुन्ना, भंते बुद्ध प्रकाश, प्रियंका कुमारी, मनोज विद्यासागर, काजल कुमारी, कोमल कुमारी, शंकर कुमार, सुशील कुमार, अमित आनंद आदि अपनी एक-एक प्रतिनिधि कविता का पाठ किया. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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