जिन्हें रखना था हर दिन याद उनके परिसर में उनके नाम पर एक दिन का भी समय नहीं - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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7 अगस्त 2022

जिन्हें रखना था हर दिन याद उनके परिसर में उनके नाम पर एक दिन का भी समय नहीं

मधेपुरा: कोसी के मालवीय कहे जाने वाले कीर्ति नारायण मंडल की 106 वीं जयंती पर उनके द्वारा बनाए गए शिक्षण संस्थानों में भी उन्हें नजर अंदाज किए जाने पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ मधेपुरा जिला परिषद ने कड़ी नाराजगी जताई हैै. संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति,जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर और जिला सचिव सौरव कुमार ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे दुखद कुछ नहीं हो सकता कि कीर्ति बाबू के नाम पर पलने वालों ने उन्हें उनकी जयंती के दिन भी भुला दिया. देर शाम तक टी पी कॉलेज व पी एस कॉलेज में स्थापित प्रतिमा, विश्वविद्यालय में बने पार्क स्थल पर जयंती पर भी साफ सफाई व कार्यक्रम नहीं किए जाने के बाद एआईवाईएफ जिला परिषद मधेपुरा के पदाधिकारियों ने पार्वती साइंस कॉलेज में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व को नमन किया. 

टी पी कॉलेज में जिस विज्ञान भवन परिसर में प्रतिमा है उसके मुख्य द्वार पर ताला लटका था।इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि कोसी के मालवीय, शिक्षा दधीचि और न जाने किन किन नामों से विभूषित कीर्ति नारायण मंडल जिनके अमूल्य त्याग व बलिदान से बनाए गए दर्जनों शिक्षण संस्थान सूबे में उच्च शिक्षा की अलख ही नहीं जला रहे बल्कि उनके द्वारा स्थापित टी पी कॉलेज बिहार के चर्चित कॉलेजों में शुमार हो बीएनएमयू के स्थापना का आधार बना. समाज हित की धुन ऐसी की दान व त्याग करते हुए अपने संतानों के भविष्य के लिए भी कुछ नहीं बचाया. उनके बनाए संस्थानों से हजारों घर आबाद हो रहे हैं. ऐसे महान आत्मा जिसे साल के हर दिन पूजना था आज उन्हें याद करने के लिए उनके जयंती पर भी किसी को समय नहीं है इससे बड़ी दुर्भाग्य की परिभाषा नहीं हो सकती. 

क्या शिक्षा का स्तर और व्यवस्था अब इतना नीचे आ गया है कि शिक्षण संस्थान अब अपने संस्थापकों को जयंती के दिन भी याद करना जरूरी नहीं समझते. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एआईवाईएफ के जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि मधेपुरा भी उच्च शिक्षा का केंद्र बने इसी उम्मीद के साथ उन्होंने मधेपुरा में अपने पिता ठाकुर प्रसाद के नाम पर टी पी कॉलेज की स्थापना की। आधी आबादी भी शिक्षित हो इसी सोच के साथ स्थापित बालिका विद्यालय आज पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के रूप में फल फूल रहा है. उसके बाद तो मानों कीर्ति बाबू ने मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, अररिया ,कटिहार में कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की. उनके द्वारा स्थापित टी पी कॉलेज को बीएनएमयू के स्थापना का आधार व जननी भी कहा जाता है. 

सच्चे अर्थों में कीर्ति बाबू ने ईश्वर की सर्वोत्तम कृति मानव की परिभाषा दी. लेकिन दुखद है कि आज जयंती व पुण्यतिथि के दिन उनके ही परिसर में उनको याद करना जरूरी नहीं समझा जाता. टी पी व पी एस कॉलेज में बनी उनकी प्रतिमा जहां उपेक्षा की शिकार है वहीं बीएनएमयू के गेस्ट हाउस के सामने उनके नाम पर बने पार्क को अतिक्रमित कर पुलिस चौकी बना बीएनएमयू ने मानों रही सही कसर पूरी कर दी है. कार्यक्रम का संचालन करते हुए एआईवाईएफ जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि जिस महामानव को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ ने कोसी का मालवीय कहा वहीं मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद ने कोसी का संत व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने महान तपस्वी कह कर इनका सम्मान बढ़ाया ऐसी हस्ती को उनके आंगन में ही गुमनाम कर देना किसी अपराध से कम नहींं. 

उनकी जयंती व पुण्यतिथि नहीं मनाने पर वाम संगठनों की लगातार आपत्ति के बाद टी पी कॉलेज ने कैलेंडर में इसको जगह देते हुए एक दो दफा बड़े कार्यक्रम भी किए लेकिन इस बार औपचारिकता की भी जरूरत नहीं समझी. जिला सचिव ने कहा कि महामना कीर्ति बाबू की यह उपेक्षा कतई बर्दास्त करने वाली नहीं है. इसको लेकर संगठन कुलपति से मिल भविष्य को लेकर स्थाई आयोजन की मांग करेगा. इस अवसर पर ज्योतिष, संजीव ठाकुर, पप्पू, शंकर आदि ने भी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कीर्ति बाबू को नमन किया.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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