मधेपुरा: अपनी स्थापना के तीन दशक पूरा कर चुके बीएनएमयू में स्थापना वर्ष अलग अलग जगहों पर एक नहीं होने पर एआईएसएफ बीएनएमयू ने आश्चर्य व नाराजगी जताते हुए अविलंब सुधार की मांग की है. संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु होता है और उसके स्थापना वर्ष को लेकर विभिन्न स्तरों पर एकरूपता नहीं होना दुखद ही नहीं दुर्भाग्यपूर्ण भी है. बीएनएमयू कुलपति को भेजे पत्र व साक्ष्य में राठौर ने कहा कि यह विचारणीय प्रश्न है कि स्थापना वर्ष को लेकर तीन महत्वपूर्ण जगहों पर अलग अलग वर्षों का उल्लेख है.
कुलपति कार्यालय में स्थापना वर्ष 1991 दर्शाया गया है, विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर और विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर बीएनएमयू के संक्षिप्त विवरण में 1992 अंकित है वहीं यूजीसी अपने साइट पर 1993 बता रही है. ऐसे में यह बड़ा प्रश्न है कि आखिर में वास्तविक स्थापना वर्ष क्या है साथ ही तीन जगहों पर अलग अलग स्थापना वर्ष क्यों? लिखे पत्र में राठौर ने कहा कि एक तरफ यह जहां चारसौ बिसी प्रतीत होगा वहीं बीएनएमयू को जानने की जिज्ञासा रखने वालों को स्थापना वर्ष के सम्बन्ध में ऊहापोह उत्पन होगा. एआईएसएफ प्रभारी राठौर ने कुलपति से मांग किया कि अविलंब इस असमंजस्य की स्थित की समीक्षा करते हुए वास्तविक स्थापना वर्ष को सम्बन्धित जगहों पर अंकित करवाया जाए.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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