बीएड नामांकन धांधली, नन टीचिंग स्टाफ बहाली को सिंडिकेट में उठाने का एआईएसएफ ने लिखा आग्रह पत्र - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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12 सितंबर 2022

बीएड नामांकन धांधली, नन टीचिंग स्टाफ बहाली को सिंडिकेट में उठाने का एआईएसएफ ने लिखा आग्रह पत्र

मधेपुरा: विश्वविद्यालय द्वारा बिना सिंडिकेट के अनुमोदन के दीक्षांत जैसे बड़े आयोजन व अन्य फैसले लेने पर लगातार छात्र संगठनों व कई सिंडिकेट सदस्यों की नाराजगी, विरोध व अविलंब बैठक बुलाने की मांग के बाद सोलह सितम्बर को बीएनएमयू द्वारा सिंडिकेट की बैठक कराई जा रही हैै. छात्र संगठन एआईएसएफ ने बैठक की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि सिंडिकेट बैठक हर माह कराने की गारंटी विश्वविद्यालय को तय करनी चाहिए जिससे सबकुछ दुरुस्त हो काम सही से हो सकें. सदन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा व पहल के लिए एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने सिंडिकेट सदस्यों को आग्रह पत्र लीख याचना की है कि विश्वविद्यालय व छात्रों से जुड़े उन मुद्दों को चर्चा में शामिल करवाएं. 

लगभग आधे दर्जन सदस्यों को लिखे पत्र में राठौर ने बताया है कि मुख्यालय शिक्षा शास्त्र में हुई रोस्टर की अनदेखी,सीट से ज्यादा नामांकन के जांच के लिए 2021 में हुई सिंडिकेट बैठक के निर्णय के आलोक में बनी जांच टीम दस दिन की जगह डेढ़ साल बाद भी मामले का निपटारा नहीं कर पाई, जो सदन की भी अवहेलना है, इस लापरवाही के कारण दोषियों को सजा व पीड़ितों को न्याय तो नहीं मिला उल्टे हाई कोर्ट ने रजिस्टार को पूरे प्रकरण के साक्ष्य सहित उन्नीस सितम्बर को तलब किया है. वहीं दूसरी ओर बीएनएमयू मुख्यालय जहां शिक्षा शास्त्र विभाग में स्थापना काल से एक भी नन टीचिंग स्टाफ नहीं है लेकिन अभी तक बहाली की पहल नहीं हो रही जबकि आर एम कॉलेज में निर्धारित संख्या से अधिक स्टाफ की बहाली की प्रक्रिया अपनाने का मामला सामने आ रहा जो अपने आप में बीएनएमयू के लिए सवाल है कि कहीं निर्धारित संख्या पर बहाली के बिना काम चल रहा तो कहीं सीट से अधिक बहाली हो रही. 
वहीं एआईएसएफ प्रभारी राठौर ने स्नातक प्रथम खंड, सत्र 2022-23 में आधा सत्र गुजर जाने के बाद भी चयन सूची प्रकाशन नहीं होने की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसी करतूतों के बीच सत्र नियमित का संकल्प कैसे पूरा होगा. सात साल से लगातार आश्वासन के बाद भी मुख्यालय का गर्ल्स हॉस्टल व विभिन्न महाविद्यालयों में निर्मित चार हॉस्टल शुरू नहीं हुआ जो खुद में सवाल है कि आखिर करोड़ों रुपए के खर्च का क्या उपयोग है. वहीं राठौर ने कहा कि लगातार मांग के बाद भी बहुत पहले कार्यकाल पूरा कर चुके सीनेट व सिंडिकेट का चुनाव नहीं हो रहा जिससे विश्वविद्यालय के आंतरिक लोक तांत्रिक व्यवस्था की साख अंदर ही अंदर खोखला हो रही है. राठौर ने लिखे पत्र में आग्रह किया है कि इन बिंदुओं पर अपने स्तर से सदन में चर्चा करवाने की पहल हो. साथ ही उन्होंने उम्मीद व्यक्त किया कि सदन में एकेडमिक सीनेट को लेकर भी बात होगी जिसका इंतजार बीएनएमयू को स्थापना काल से ही है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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