मधेपुरा: छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के बीएनएमयू प्रभारी सारंग तनय ने बीएनएमयू के कुलपति डॉ आर के पी रमण व कुलसचिव डॉ मिहिर कुमार ठाकुर को आर एम कॉलेज के बीएड विभाग में नियम-परिनियम के विरुद्ध अतिरिक्त सहायक पद की वैकेंसी निकाल कर वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन 8 सितंबर को करने पर ईमेल के माध्यम से पत्र लिख कर/भेजकर ध्यान आकृष्ट कराया है, और अविलम्ब रोक लगाने की मांग की है. सारंग तनय ने लिखे पत्र में कहा है कि आर एम कॉलेज सहरसा के बीएड विभाग में शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी के रिक्त पदों के लिए वॉक इन इंटरव्यू निकाली गई, 8 सितम्बर 2022 को सुबह 10:30 बजे का समय निर्धारित किया गया.
जारी विज्ञापन के अनुसार सहायक प्राध्यापक के दो पद, हेल्पर के एक पद एवं अतिरिक्त सहायक के एक पद के लिए रिक्ति विज्ञापित की गई है. जारी विज्ञापन में उल्लेखित अतिरिक्त सहायक का पद स्वनिर्मित एवं संदेहास्पद है. एनसीटीई गाइड लाइन विनियम 2014 एवं 2017 (संशोधित) नियमावली के अनुसार 100 सीट की मान्यता के लिए एक एचओडी, 15 प्राध्यापक एवं 8 शिक्षकेतर कर्मचारी का पद उल्लेखित है. उन्होंने कहा कि आर एम कॉलेज सहरसा में एक एचओडी,13 प्राध्यापक एवं 7 शिक्षकेतर कर्मचारी नियुक्त एवं कार्यरत है. नियमानुसार, दो पद प्राध्यापक के लिए तथा एक पद हेल्फर के लिए रिक्त है.
प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ अरुण कुमार खां ने अपनी मनमानी एवं एनसीटीई विनियमन 2014 एवं 2017 (संशोधित) गाइडलाइन, विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देश को धता एवं इग्नोर करते हुए एक पद अपनी तरफ से सृजन करते हुए रिक्ति विज्ञापित किये हैं. मोटी रकम व अपने खासमखास को सेट करने की नशा में सारे नियम-परिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं, इसी साल के अंत तक में प्रभारी प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सारंग तनय ने कहा कि अब सवाल उठता है कि एक पद अतिरिक्त सहायक हेतु विज्ञापित एवं नियुक्त करने का अधिकार कौन से नियम-परिनियम द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य को प्राप्त है. इस अतिरिक्त सहायक पद का वेतन किस मद से दिया जाएगा? जबकि, पद की संख्या, पद का सृजन, पद से संबंधित मापदंड तय करने का अधिकार कॉलेज प्रबंधन समिति या विश्वविद्यालय को नहीं है.
एनसीटीई ही तय करती है. विश्वविद्यालय भी एनसीटीई को ही फ्लो करती है. बीएड पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित है, सरकार व हाई कोर्ट से पदों के अनुरूप आय-व्यय निर्धारित है. उन्होंने कहा कि बीएड विभाग बीएनएमयू कैम्पस में स्थापना काल से ही एक भी नॉन टीचिंग स्टाफ नहीं है, सारे कार्य समय पर हो ही रहे हैं, जबकि नॉन-टीचिंग स्टाफ बहाल होने चाहिए. वहीं, आर एम कॉलेज में नॉन टीचिंग स्टॉफ है, फिर वर्क लोड कैसे हो गया? उगाही करने के चक्कर मे नियम परिनियम तक का भी ख्याल नहीं रहा? सारंग तनय ने कुलपति व कुलसचिव से अविलम्ब अतिरिक्त सहायक के पद पर ली गई वॉक इन इंटरव्यू पर रोक लगाने की मांग की, साथ ही प्रभारी प्रधानाचार्य पर कानूनी करवाई भी की जाए.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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