चार सूत्री मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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10 सितंबर 2022

चार सूत्री मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

मधेपुरा: जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश महासचिव प्रो. अभिषेक कुशवाहा ने बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर से मुलाकात कर चार सूत्री मांग पत्र सौंपा जिसमें प्रो. अभिषेक कुशवाहा ने कहा कि मधेपुरा जिले में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए बाबा सिंघेश्वर नाथ मंदिर न्यास समिति के अंदर दस एकड़ जमीन उपयोग मे नहीं है. जो कि मवेशी हॉट से पूरब खाली पड़ा है. जिससे मंदिर न्यास समिति को कोई लाभ नहीं. जैसा की ज्ञात हुआ है कि ट्रस्ट के बाइलॉज में अस्पताल एवं विद्यालय खोलने के लिए जमीन की अनापत्ति दी जा सकती है. जैसा कि पूर्व में कई सड़को, संपर्क पथ, बाढ़ आश्रय स्थल एवं अन्य योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराया गया है. 

केंद्रीय विद्यालय के लिये अगर पांच से दस एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी जाती है तो गरीब शोषित दलित महादलित एवं सभी वर्गों के प्रतिभावान बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकता है. शिक्षा के दृष्टिकोण से जनहित में उपयोगी है. जिससे पूरे कोशी वासियों के बच्चों के भविष्य का सवाल है. इसके लिये हम सभी जिला वासी श्रीमान का सदा आभारी रहेगे. बीएन मंडल विश्वविद्यालय में नाट्यशास्त्र एवं संगीत की पढ़ाई पी.जी एवं पी.एच.डी तक होनी. जिससे प्रतिभावान छात्र और छात्राओ को इसका लाभ मिल सके. तत्पश्चात इनके शिक्षको की भी बहाली की जाये. 

सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय एवं गर्ल्स स्कूलो में सरकारी योजनानुसार जल्द से जल्द लड़कीयों के लिए सेनेटरी पैड की निशुल्क व्यवस्था जो सरकार द्वारा लागू है योजना को शुरु की जाये. बिहार में वित्त रहित शिक्षा नीति को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए. शिक्षकों को नियमित वेतनमान देने की दिशा में विचार किया जाना चाहिए. साथ ही शिक्षा विभाग को नियमावली बनाकर सभी वित्त रहित कर्मियों की सेवा सरकारी संवर्ग में शामिल करते हुए एक निश्चित वेतनमान देने की दिशा में विचार किया जाना चाहिए. राज्य में वित्त रहित संस्थानों में संबद्ध डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, हाई स्कूल, संस्कृत विद्यालय व मदरसा है. 

इन सबों को सरकारी संवर्ग में शामिल कर एक निश्चित वेतनमान देने की कृपा की जानी चाहिए. सभी का सरकारीकरण किया जाना चाहिए. वित्त रहित संस्थानो के शिक्षको एवं कर्मियों का जीवनयापन बहुत मुश्किल से हो रहा है. इनके उद्धार के लिए वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर सरकारी संवर्ग मे शामिल करना जरूरी है. झारखंड सरकार द्वारा वित्त रहित शिक्षा नीति समाप्त करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है. उसी तरह बिहार में भी प्रक्रिया प्रारंभ किया जाना चाहिए. इस शुभ अवसर पर जदयू जिला महासचिव मिथिलेश कुमार शामिल रहे.
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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