डीएम को लेना चाहिए संज्ञान,होनहार छात्रों के भविष्य का प्रश्न
24 छात्रों के नामांकन में फंसे पेंच के बाद छात्र व अभिभावक के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यह दो दर्जन उन छात्रों के भविष्य का सवाल है जिनमे कल का होनहार भविष्य छुपा है उसे आगे बढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म देने के बजाय एडमिशन से वंचित करना दुखद है. इस मामले में दूसरे जिले के वासी होने को कारण बनाने के बजाय उनके एडमिशन का रास्ता तलाशने की जरूरत है. एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष राठौर ने डीएम से मांग किया है कि वो अपने स्तर से पहल कर इस मामले में 24 प्रतिभाओं के साथ न्याय करें.
सारी प्रक्रिया पूरा करवाने के बाद नामांकन से रोकना अमानवीय
एआईवाईएफ जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि हर अभिभावक व बच्चे का नवोदय सपना होता है जिन बच्चों ने नवोदय की परीक्षा पास की उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा को दर्शाया आज उनके सम्मान के जगह महीनों परेशान कर एडमिशन नहीं लिया जा रहा. आवेदन के समय ही सबकुछ साफ था उसी के आधार पर सूची में नाम भी आया।फिर विद्यालय ने नामांकन करवाने के सम्बन्ध में सारी प्रक्रिया को पूरा करवाने के लिए कॉल लेटर भी भेजते हुए 24 बिंदुओं के कागजात जमा करने को कहा जिसमे से एक बिंदु अस्थाई निवास प्रमाण पत्र भी है.
हजारों खर्च करने के बाद स्कूल द्वारा ड्रेस भी बनवाया गया. अब वंचित करना न्यायसंगत नहीं. इस मामले में छात्रों नामांकन करवाने के बजाय इसके लिए भटकना उनकी प्रतिभा का अपमान है. इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर सकारात्मक पहल की जरूरत है अन्यथा एआईवाईएफ छात्रों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन का रुख करेगा. प्रवेश परीक्षा पास करने वाले छात्र छात्राएं ज्योति,तन्मय आंनद,बाबू साहब, समर्पण सोनम, सुजीत भारती, सोनम राज, आदित्य कुमार, कौशल, आशीष आंनद, रुचि, आदित्य भारती, गौरव आंनद आदि ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें एडमिशन से वंचित होना पड़ेगा. जनता दरबार में एडीएम आपदा को सभी बिंदुओं से अवगत कराया गया जिसपर उन्होंने नवोदय के प्रधानाचार्य से बात कर पूरे मामले से अवगत कराने को कहा है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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