मधेपुरा: जिला प्रशासन की ओर से शुक्रवार को झल्लू बाबू सभागार में लैंगिक हिंसा के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय महिला जागरुकता पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया. डीएम श्याम बिहारी मीणा, डीडीसी नितिन कुमार सिंह, आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि कुमारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार व सहायक निदेशक यशस्वी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं के साथ घटित होने वाली लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा एवं अन्य हिंसा को रोकने की दिशा में जिला स्तर पर संचालित वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन अहम भूमिका निभा रही है.
इसमें सभी महिला संगठन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. कई बार देखा गया है कि लैंगिक हिंसा के बाद परिवार के लोग समाज के डर से चुप रह जाते हैं, यह गलत है. इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ता है. इस तरह के आरोपी दूसरे के साथ भी ऐसा ही करता है. उप विकास आयुक्त ने कहा कि महिलाओं के साथ घटित होने वाली घटनाओं में कानून का सहारा लेना चाहिए. ऐसे मामले में लड़कियों को चुप रहने या दबाब में आने की बजाए खुलकर विरोध करना चाहिए.
नोडल पदाधिकारी सह डीपीओ रश्मि कुमारी ने जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन एक छत के नीचे लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, मानव व्यापार एवं दहेज प्रताड़ना आदि से पीड़ित महिलाओं का परामर्श, चिकित्सीय सहायता, विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता निशुल्क प्रदान की जाती है. लैंगिक हिंसा के विरुद्ध पुरुष की मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनकर पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए ताकि अन्य महिला भी इससे प्रेरित हो सके.
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अभिषेक कुमार, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी रजा अहमद खां, आशीष नंदन, निशा कुमारी, श्वेता कुमारी, विनीता, चंद्रकला कुमारी, परामर्शी सुधा संध्या, परियोजना प्रबंधक कुमारी शालिनी, जिला समन्वयक अंशु कुमारी, जिला कार्यक्रम सहायक राजेश कुमार, पैनल अधिवक्ता जयप्रकाश राम, किरण कुमारी, परामर्शी रोबिन कुमार, सभी महिला पर्यवेक्षिका, जीविका दीदी, एएनएम व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे.
(रिपोर्ट:- मोहन कुमार)
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