छातापुर: भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र की 49 वीं पुण्यतिथि 3 जनवरी मंगलवार को उनके पैतृक गांव बलुआ बाजार स्थित समाधि प्रांगण में राजकीय सम्मान के साथ मनाया गया. जिसमें सरकार के प्रतिनिधि के रुप में बिहार सरकार के मंत्री संजय झा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए. कार्यक्रम का विधिवत शुरुआत आचार्य पंडित धर्मेंद्र नाथ मिश्र के वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ ललित बाबू के छाया चित्र पर संयुक्त रूप से मुख्य अतिथि सुपौल जिला प्रभारी मंत्री सह जल संसाधन मंत्री संजय झा, डीडीसी मुकेश कुमार, एसपी डी अमरकेश, एमएलसी अजय कुमार सिंह, राघवेंद्र झा राघव आदि ने द्वीप प्रज्वलित कर किया.
जिसके बाद मुख्य अतिथि समेत मंचासीन अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखी. यहां बता दें कि बलिदान दिवस के रूप में मनाई जाने वाली स्व. ललित बाबू की पुण्यतिथि का आगाज सर्वधर्म की स्तुति प्रार्थना से हुई. जिसके बाद मंत्री समेत अन्य अतिथियों ने ललित नारायण शिव मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद पुलिस के जवानों ने शोक सलामी के तहत गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी. इसके साथ ही मंत्री समेत अन्य पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने ललित बाबू के आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर मंत्री श्री झा, डीडीसी, एसपी, पूर्व सांसद सुखदेव पासवान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
इसके अलावे बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित गणमान्य लोग वहां पहुंच इस कार्यक्रम के साक्षी बने. सुपौल जिला प्रभारी मंत्री सह जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि ललित बाबू सदैव अपने अच्छे कार्यों के लिए जाने जाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि रेलवे का सपना साकार करने तथा बिहार को विकसित करने में ललित बाबू की अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि ललित बाबू के हत्या के 48 साल बीत जाने के बाद भी लोग ललित नारायण मिश्र को आज भी कोशी पुत्र तथा विकाश पुत्र के नाम जानते है. कहा कोशी मिथिलांचल में कोई भी आएं ललित बाबू की याद सभी को सबसे पहले आती है. उन्होंने कहा कि ललित नारायण मिश्र की हत्या मामलें के 48 साल बीतने के बाद भी ललित बाबू वाली घटना की पूरी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नही हुआ है.
उन्होंने घटना मामलें की जांच रिपोर्ट सामने करवाने की मांग किया. उन्होंने कहा कि ललित बाबू बड़ी हस्ती थी. लेकिन उनके साथ हुई घटना की खुलासा अब तक नही हो सका है. उन्होंने कहा कि ललित बाबू के हत्या मामलें के 48 साल बीत जाने के बाद भी मिथिलांचल में सबसे पहले ललित बाबू की नाम ली जाती है. सामारोह के दौरान मंत्री श्री झा ने कहा कि ललित बाबू के बताए मार्ग और उसके सपने को साकार करने के लिए तमाम कार्य किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि मैं रहूं या ना रहूं ..बिहार आगे बढ़ कर रहेगा. उनकी ये सोच आज मूर्त रूप में लोगों को देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि ललित बाबू का जो काम व कृति था वो सभी जानते है.
उन्होंने बताया कि ललित बाबू के बारे में कुछ कहना सूर्य को दिया दिखाने के बराबर है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्री के कार्यकाल में ललित बाबू को जो दायित्व मिला. उक्त कार्य को उन्होंने पूर्ण दायित्व के साथ किया. उन्होंने बिहार के लिए जो कार्य किया वो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि हत्या से पूर्व में ललित बाबू को कुछ आभास हुआ था कि उनके साथ कभी भी कुछ अनहोनी हो सकती है. जिसके तहत ही उन्होंने मैं रहूं न रहूं बिहार बढ़ कर रहेगा ये युक्ति कही थी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मंत्री को बम से उड़ा दिया गया था. लेकिन दुर्भाग्य है कि ललित बाबू जैसे महान शख्शियत के हत्या मामलें का सही से जांच नही हो सका है. जिस कारण हत्या मामलें की जांच रिपोर्ट सामने नही आ सकी है. ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि ललित बाबू की अंतिम इच्छा थी कि मैं रहूं न रहूं बिहार बढ़कर रहेगा. जिसको पूरा करने का कार्य बिहार सरकार व सूबे के मखिया नीतीश कुमार तीव्र गति से करने में जुटे है. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए बिजली समेत बिभिन्न तरह की सुविधा लाभ से किसानों को लाभान्वित करने का कार्य राज्य सरकार ने की है. उन्होंने कहा कि ललित बाबू की सभी अधूरे सपने को पूरा करने में हमारी सरकार कृतसंकल्पित होकर जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि अच्छे व विकासात्मक कार्य को ललित बाबू तरजीह देते थेे. जिसको लेकर आज भी अगर कोई मंत्री, जनप्रतिनिधि वैसे विकाश कार्य करते है तो लोग उन्हें कहते है कि ये ललित बाबू के तरह कार्य करते है.
उन्होंने कहा कि ललित बाबू के पुण्य तिथि पर उन्हें बलुआ आने का जो सौभाग्य उन्हें आज प्रथम आने को मिली है. उक्त अवसर पर ललित बाबू के अधूरे सपने को पूरी तरह से संजोने को लेकर वे कृतसंल्पित बने रहेंगे. एमएलसी अजय कुमार ने कहा कि ललित बाबू के कार्य से मिथिलांचल वासी काफी खुश है. क्योंकि उन्होंने विकाश नामक इतनी बड़ी लकीर खींची है हम सियासत के लोगों के बीच उस लकीर को खींचना हमारे जैसे लोगों द्वारा नही कर पाई जाएगी. फिर भी उनके अधूरे सपने को पूरा करने हेतू कृत संकल्पित हम सभी बने हुए है. उन्होंने कहा कि ललित बाबू के कार्यों के बदौलत उन्हें विकाश और कोशी पुत्र मान रहे है. ललित बाबू ने रेलवे के क्षेत्र में जो कार्य किया वो यहां के लोग नही भूल सकते है. आज अगर ललित बाबू होते तो कोशी की स्थिति और बेहतर होती. उनकी कमी आज भी लोगो को खल रही है.
उन्होंने कहा कि ललित बाबू की आखरी शब्द हम रहे ना रहे बिहार बढ़ कर रहेगा के तहत सभी को संकल्पित होकर उनके अधूरे सपने को पूरा करने के लिये आगे आने की जरूरत है. उन्होंने मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि मंत्री श्री झा से कहा की हम कोशी के दबे कुचले लोग है याचक है कि हमारे कोशी में साल 2008 में आई प्रलय कारी बाढ़ से जो नहरें टूट गई है उनकी मरम्मती व क्षेत्र के खेतों में पड़े बालू अब तक नही हटा हैै. ये समाधान पर नजर दिया जाय. वही उन्होंने कहा कि ललित बाबू ने दो दो सपने देखा थाा. प्रतापगंज से पथरा हाट व सिमरी बख्तियारपुर से बिहारी गंज तक बात हुई है. इस पर भी ध्यान दिया जाय. वही उन्होंने कहा एम्स को दरभंगा में जमीन नही मिल रही है अगर एम्स को कोशी के तीनों जिले में से कही दे दे तो बड़ी कृपा होगी. क्योंकि तीनों जिलों में जमीन की भरमार है.
पूर्व सांसद सुखदेव पासवान ने कहा कि ललित बाबू विकाश पुरुष थे. जिन्होंने कोशी को बहूत कुछ दिया. अगर आज वो जिंदा होते तो कोशी की हालत और भी विकसित रहती. रेलवे की यह स्थिति नही बनी रहती. उन्होंने कहा कोशी के इस इलाके में कोशी त्रासदी के जख्म से कइयों किसानों के खेतों में बालू अब भी भरे हुए है. उक्त समस्या के निदान को लेकर भी कार्य किया जाय. पूर्व मुखिया जय कृष्ण गुरमेता की अध्यक्षता और प्रभात मिश्र की संचालन में आयोजित समारोह को पूर्व विधायक उदय प्रकाश गोइत, प्रमोद सिंह, जय कृष्ण गुरमेता, ललित बाबू के पौत्र सुमित मिश्रा समेत कई वक्ताओं ने भी सबोधित किया. समारोह का धन्यवाद ज्ञापन त्रिवेणीगंज एसडीएम शेख जेड हसन ने की.
मौके पर डीएसपी बिपिन कुमार, बीडीओ रितेश कुमार सिंह, सीओ उपेंद्र कुमार, बीसीओ अरुण कुमार, बीसीओ प्रदीप कुमार झा, व्यापार मंडल अध्यक्ष गौरी शंकर भगत, संजय मिश्रा, केशव कुमार साह गुड्डू, सूरज चन्द्र प्रकाश, मखिया राम जी मंडल, पूर्व प्रमुख जहूर आलम, प्रमुख प्रतिनिधि अजय कुमार सरदार, संजीव कुमार भगत, चन्द्र देव पासवान, सुशील कुमार मंडल, शेख जईम, हसन अंसारी, रिंकू झा, रमैया झा, राम टहल भगत, मजहरुल हक खां, क्रांति झा, मनोज राय, संजय कुमार भगत, डॉ. शंकर झा, छातापुर मुखिया प्रतिनिधि मकसूद मसन, बिमल कुमार झा, गणेश झा,अरुण कुशवाहा, बबलू कुसियेत आदि समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि पदाधिकारी व क्षेत्रीय जन मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- सोनू कुमार भगत)
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