मधेपुरा: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे. जब देश अलग अलग स्तरों पर बटा हुआ था तब उन्होंने राष्ट्रप्रेम की परिभाषा स्थापित किया. उपरोक्त बातें वाम युवा संगठन एआईवाईएफ के जिला सचिव सौरव कुमार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद गांधी जी से वैचारिक मतभेद के कारण उन्होंने अपने रास्ते अलग कर लिए लेकिन उद्देश्य को नहीं बदला. एआईवाईएफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विपुल प्रतिभा के धनी सुभाष ने ताउम्र राष्ट्रहित को पहली प्राथमिकता दी, यही कारण है कि उन्हें मुल्क के पहले पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार किया जाता है.
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि उनकी मृत्यु की अनसुलझी गुत्थी के रहस्यों को आज तक साफ नहीं किया गया जो उनके साथ अन्याय है. वहीं उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने के निर्णय को सकारात्मक पहल और नेताजी का दिया गया नारा 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा' वर्षों बाद भी युवाओं को अन्याय के खिलाफ न्याय की जंग छेड़ने का उमंग भरता है. उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के जज्बे का ही फल था कि अंग्रेजों के नाक में दम हो गया था और वो मुल्क छोड़ने को विवश थे. वर्तमान पीढ़ी और सरकार को उनके सपने के राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए.
इस अवसर पर संगठन के 85 वीं वर्षगांठ को समर्पित संगठन द्वारा विशेष रूप से जारी जयंती व पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण के अन्तर्गत पेड़ लगा कर उन्हें नमन किया गया. मौके पर दर्जनों की संख्या में उपस्थित छात्र, छात्राओं ने नेताजी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया और उन्हें युवाओं का आदर्श बताते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हर दौर में युवाओं के प्रेरणास्त्रोत रहेंगेे. मौके पर मुस्कान, अंकेश, अंकित, ओम, विक्रम, अक्षय, अमृत, प्रकाश, रूपेश आदि उपस्थित रहे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....