"खामोश उलाहना" - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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28 अप्रैल 2023

"खामोश उलाहना"

डॉ. अनुजा अमेरी
डेस्क: मेरी उदासियो से अब तुमको क्या लेना देना।

हमसे एक बात भी तेरी मुश्किल से होती है।।

बहुत खुश हो जाते हैं हम, तेरी एक मीठी बातों से

जमी पर रहते कहां आसमां में उड़ने लगते है हम,

तुम मुझे पल में यह एहसास आखिर करा ही देते हो

हंसती निगाहों में , जब तेरी बेरुखी से मौसम बदलते हैं। 

मेरी उदासियो से अब तुमको क्या लेना देना।

हमसे एक बात भी तेरी मुश्किल से होती है।।

हम यकीं नहीं करा सकते ,इस दिल में तेरी क्या जगह है

तुम जमाने की नजरिए से जो मुझको देखा करते हो,  

हर प्यार इतना मतलबी नहीं होता लेकिन,

तेरे लिए सब दरकिनार करते है,यह तुम क्यों सोचो।

मेरी उदासियो से अब तुमको क्या लेना देना।

हमसे एक बात भी तेरी मुश्किल से होती है।।

तेरी हां में हां मिला लू यह आदत नहीं है मेरी,

 तेरे इनकार और इकरार मुझसे ख्यालों में चर्चा करते हैं

 तूने एक बार कहा  था,जरूरी नहीं जो मै करूं तुम करो,

 ख़ामोश हो जाती हूं तेरे इन्कार पर, जो मुमकिन को मुश्किल करते हो।

मेरी उदासियो से अब तुमको क्या लेना देना।

हमसे एक बात भी तेरी मुश्किल से होती है।।

(रिपोर्ट:- डॉ. अनुजा मेरी)

पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

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