'एक अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत?' - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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26 अप्रैल 2023

'एक अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत?'

डेस्क: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर एक तरफ जहां बिहार सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर पूर्व आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में मंगलवार 25 अप्रैल को उनकी पत्नी उमा देवी की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है. पत्नी ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. उमा देवी ने कहा कि आनंद मोहन पहले मौत की सजा दी गई थी जिसे उम्रकैद में बदल दी गई. हमें बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा. बिहार में सब जातीय राजनीति है. वह राजपूत है और उसके बाहर आने से उसको राजपूत वोट मिलेगा. एक अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत है?


बता दे कि 10 अप्रैल को बिहार सरकार ने बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम 481 (I) (क) बदलाव किया था. इसके बाद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था. बिहार सरकार ने कारा हस्तक से उस वाक्यांश को ही विलोपित कर दिया था जिसमें सरकार कर्मचारी की हत्या का जिक्र था. आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा पूरी कर चुके हैं.

(सोर्स:- एएनआई)

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