लिंग संवेदीकरण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

30 मई 2023

लिंग संवेदीकरण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू

मधेपुरा: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के होम साइंस विभाग में लिंग संवेदनशीलता का स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा पर प्रभाव विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ. सेमिनार का उद्घाटन बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरकेपी रमण और जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली, प्रति कुलपति प्रो. आभा सिंह ने किय. सेमिनार में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फारूक अली ने कहा कि संतान से मां-बाप की पहचान होती है तो एक तरक्की माना जाता है. उसी तरह छात्र से अगर शिक्षक की पहचान हो यह गर्व की बात होती है. 

उन्होंने कहा कि व्यक्ति पारिवारिक होता है. समाज में जो परिदृश्य है जो दूसरी नहीं बदल सकते उसे हमें ही बदलना होगा. उन्होंने कहा कि गर्भ से लेकर श्मशान घाट तक भेद भाव है. यह हजारों साल की रीत है इसे हमें हटाना एक चुनौती है. उन्होंने कहा कि महिला घर को बसाने का लिए एकमात्र निर्माता होती है. उन्होंने कहा कि ईश्वर हर जगह नहीं रह सकता इसीलिए उसने मां को बनाया है. प्रो. फारुख अली ने कहा कि महिलाओं के प्रति भेदभाव हर जगह हो रहे हैं, जिसमें महिलाओं के ड्रेस तथा हर लक्षण पर ध्यान दिया जाता है. लेकिन पुरुष पर ध्यान नहीं दिया जाता. 

उन्होंने बताया कि मर्द और औरत के लिए अलग-अलग कांसेप्ट है. साथ ही कुलपति ने बताया कि जब तक दोनों का समानांतर विकास नहीं होगा तब तक सबल राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती. उन्होंने बताया कि 960 मिलियन अशिक्षित महिलाएं हैं. जबकि शिक्षित महिलाओं के शिशु शिशु मृत्यु दर कम हैं और अशिक्षित महिला के शिशु मृत्यु दर अधिक है. उन्होंने बाल अधिकार, महिला अधिकार पर भी अपनी बातें रखी. डॉ. फारूक अली ने कहा कि हमें सेल्फ कॉन्फिडेंस पैदा करना होगा. डिसीजन मेकर बनना होगा. विचार में परिवर्तन लाने की जरूरत है तभी हमारा समाज बनेगा हम आगे बढ़ाएंगे बढ़ेंगेे.

कुलपति डॉ अली ने बीएन मंडल विश्वविद्यालय में अपने सेवाकाल को याद करते कहा कि विश्वविद्यालय का काफी विकास हुआ है यहां शैक्षणिक गतिविधि के साथ-साथ निर्माण कार्य भी काफी हुए हैं। यह इस समाज के लिए शुभ संकेत है. उन्होंने बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरकेपी रमण और होम साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ विमला कुमारी का आभार व्यक्त करते कहा कि इस तरह के आयोजन से समाज को एक नई दिशा मिलती है. होम साइंस की विभागाध्यक्ष डॉ विमला कुमारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की लिंग संवेदीकरण विषय पर आयोजित सेमिनार मैं बीएन मंडल विश्वविद्यालय और जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अन्य का सहयोग मिला है सेमिनार का संचालन डॉ प्रियंका ने किया. 

सेमिनार को बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरकेपी रमण ने संबोधित करते कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधि काफी सक्रिय हुआ है. यहां सेमिनार, संगोष्ठी, कार्यशाला आदि का आयोजन निरंतर हो रहा है. उन्होंने होम साइंस विभाग में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को इस समाज के लिए उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानता में कमी आ रही हैै. किसी भी समाज और राष्ट्र के विकास में लैंगिक असमानता अवरोध पैदा करता है. उन्होंने कहा कि नियमित वर्ग कक्ष में आने से छात्र और छात्राओं को जान का विकास होगा होता है. 


समारोह में प्रति कुलपति डॉ आभा सिंह ने कहा हमारे समाज में सबसे दुखद स्थिति यह है कि लिंग संवेदीकरण को लेकर महिलाएं परेशान रहती हैं. इन महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि संवेदना सबों में है. उन्होंने कहा कि जब तक महिलाएं सशक्त नहीं होगी तब तक हम सबल समाज की परिकल्पना नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि नारी मुक्ति से देश में महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है. महिलाएं बड़े-बड़े पदों पर प्रतिष्ठित हो रही हैं. इसके बावजूद शिक्षित महिलाएं भी असमानता का शिकार होती रही है. 


समारोह में आईक्यूएसी के निदेशक डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय में सेमिनार संगोष्ठी और कार्यशाला यह सिद्ध करता है विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधि काफी समृद्ध हो रही है. जिसका फायदा नायक मूल्यांकन में भी मिलेगा। प्रॉक्टर डॉ. बीएन विवेका ने कहा कि लिंग संवेदीकरण पर आयोजित सेमिनार यहां के छात्र छात्राओं सहित समाज को नई दिशा प्रदान करेगी. सेमिनार में स्वागत गान और कुल गीत की प्रस्तुति नेहा कुमारी, विद्या कुमारी सहित अन्य ने की. मौके पर डॉ. राणा सुनील कुमार सिंह, डा शंभू प्रसाद सिंह, डॉ मंशा कुमारी, सुभाष झा, डा गणेश प्रसाद, डॉ आनंद कुमार सिंह, डॉ कौशल किशोर, डॉ रीतू प्रिया, डॉ नीतू, अर्पणा कुमारी, केशीका यादव, जयश्री, सारंग तनय सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी मौजूद थे.

(रिपोर्ट:- मनीष कुमार)

पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages