मधेपुरा: जिला मुख्यालय के टी.पी. कॉलेज, मधेपुरा में आइसा द्वारा शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की 116वीं जयंती राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह विश्वविद्यालय अध्यक्ष आइसा अरमान अली की अध्यक्षता में मनाई गई. जयंती सह परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा भगत सिंह देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले आजादी के सच्चे नायक थे. उन्होंने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए जो त्याग, संघर्ष, और बलिदान की जो गाथा लिखी है, वह युग-युगांतर तक देश की सेवा की प्रेरणा देती रहेगी एवं उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का वह गौरवशाली अध्याय है जो युगों–युगों तक देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा. अरमान अली ने कहा आज भगत सिंह के सपनों पर सीधा हमला है. केंद्र की इस भाजपा सरकार के इस निरंकुश शासन काल में लोकतंत्र लहूलुहान होता जा रहा है. शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य पर चौतरफा हमला कर रही है ये सरकार. आज जरूरत है कि शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने के लिए हम देश के तमाम छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान एकजुट होकर इस सांप्रदायिक फासिस्ट सत्ता को बदलकर रख दें. भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए.
भगत सिंह का यह जुनून देखकर ब्रिटिश साम्राज्य हिल गया. इसलिए भगत सिंह के इस योगदान को आज हम उनकी जयंती पर याद कर रहे हैं. भगत सिंह को लिखने का बहुत शौक था, जेल में भगत सिंह लिखते थे. उन्होंने "विद्यार्थी और राजनीति", "अछूत समस्या", "सांप्रदायिक दंगे ओर उनका इलाज", "मैं नास्तिक क्यों हूं", जैसे कई लेख लिखें. भगत सिंह कहते थे "बहरे कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए अक्सर धमाकों की जरूरत पड़ती है." लेकिन उनको कहां पता था कि लोगों की स्मृति इतनी कमजोर है कि उनके जाने के बाद वे सिर्फ उनका 'धमाका' ही याद रखेंगे. और उनको भूल जाएंगे, उनके संघर्ष को भूल जाएंगे. आज जरूरत है भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने की.
मीडिया प्रभारी राजकिशोर राज एवं अफरोज आलम ने कहा भगत सिंह की क्रांतिकारी विचारधारा आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है. कार्यक्रम में दीपक कुमार, केसर आलम, मणिकांत कुमार, रोशन कुमार मुकेश कुमार, संतोष कुमार आदि सभी मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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