पैसों के अभाव में लगातार जा रही जाने फिर भी बीएनएमयू बना है अनजान
पत्र में राठौर ने बीएनएमयू प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि यह कैसी प्रशासनिक व्यवस्था है जहां वेतन के लिए आंदोलन करते हुए कुछ महीने पहले बीएनएमयू में एक कर्मी की मौत हो जाती है. लगातार आवेदन देने के बाद भी वेतन नहीं मिलने से शिक्षा शास्त्र विभाग में एक शिक्षिका के मां की मौत हो जाती, कुछ दिनों पहले टी पी कॉलेज के सेवानिवृत कर्मचारी की पेंशन के अभाव में मौत हो जाती है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती.
थक हार कर सब लिख रहे त्राहिमाम पत्र,यह अन्याय की प्रकाष्ठा
अब हालात ऐसे हो गए हैं कि विवश होकर त्राहिमाम पत्र लिखना शुरू हो गया है कुलपति से लेकर शिक्षा विभाग, राजभवन को पत्र लिख न्याय की मांग की जा रही है. गेस्ट टीचर का साल भर से भुगतान नहीं हुआ है कुछ जगहों पर कॉलेज स्तर से एक दो महीनों का भुगतान किया गया है. सरकार से पैसा आने के बाद भी बीएनएमयू पदाधिकारियों के तत्परता नहीं दिखाने के कारण इनका भी वेतन लटका हुआ है.
स्वपोषित शिक्षा शास्त्र विभाग में वेतन नहीं देना अपरिपक्व व्यवस्था का प्रमाण
वहीं राठौर ने पत्र में बीएनएमयू परिसर स्थित शिक्षा शास्त्र विभाग के शिक्षकों को महीनों से वेतन नहीं मिलने को घोर कलयुग बताया और कहा कि स्वपोषित विभाग में वेतन भुगतान कई महीनों से नहीं होना समझ से परे है. इस संबंध में शिक्षकों का लगातार पत्राचार के बाद भी पहल नहीं होना दुखद है. राठौर ने कहा कि दुखद है कि उच्च शिक्षा के सर्वोच्च परिसर में ही शिक्षा से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी और पेंशनर त्राहि त्राहि कर रहे हैंं. राठौर ने बीएनएमयू प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अविलंब इस मामले में संज्ञान ले अन्यथा शिक्षक, कर्मचारी, पेंशनर के हित में मानवता को सर्वोपरी मान ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन आंदोलन का रुख अख्तियार करेगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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