संपूर्ण जीवन मानवता के कल्याण के लिए कर दिया समर्पित
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि बुद्ध पौराणिक अवतार नहीं, बल्कि ऐतिहासिक पुरुष थे. उनका धर्म ईश्वरीय उपदेश नहीं, बल्कि मनुष्यों के हित एवं सुख के लिए मनुष्य द्वारा निर्मित नीति है. वे मुक्तिदाता नहीं, बल्कि मार्गदाता थे. उन्होंने संसार को दुःखों से मुक्ति दिलाने के लिए अष्टांग मार्ग का उपदेश दिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानवता के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. उनके दर्शन को अपनाकर ही दुनिया में शांति एवं सौहार्द कायम हो सकता है और सर्वांगीण विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति भी हो सकती है.
मुख्य अतिथि मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि गौतम बुद्ध दुनिया के सबसे पहले मनोवैज्ञानिक थे. उन्होंने मनोविश्लेषण के जरिए संसार को दुःखों से मुक्ति का मार्ग दिखलाया. इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, मनीषा कुमारी, खुशी कुमारी, विक्की विजेता, प्रिया कुमारी, आंचल कुमारी गुप्ता, बबलू, मीठी कुमारी, आयुष कुमार, अभिनव कुमार, आशीष कुमार झा, विकास कुमार, रणविजय कुमार, विभा कुमारी, अंशु कुमारी, बंदना कुमारी, मनीषा कुमारी, गीतांजलि कुमारी, नेहा कुमारी, गुड़िया कुमारी, आफरीन बेगम, प्रतिभा कुमारी, जुली कुमारी, सोनी कुमारी, पल्लवी कुमारी, सोनाली कुमारी, नूतन कुमारी, नैना कुमारी, रूपम कुमारी आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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