सावन में 72 साल बाद बन रहा ऐसा अद्भुत संयोग - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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10 जुलाई 2024

सावन में 72 साल बाद बन रहा ऐसा अद्भुत संयोग

सिंहेश्वर: सुप्रसिद्ध देवाधिदेव महादेव बाबा सिंहेश्वरनाथ का प्रिय मास सावन की शुरुआत होने वाली है. इस सावन में ग्रह नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है, जो इस सावन को बेहद शुभ बना रहा है. पंडित के अनुसार, सावन महीने में इस बार पांच शुभ संयोग बन रहे है. करीब 72 साल बाद यह अद्भुत संयोग सावन में देखने को मिल रहा है. सिंहेश्वर धाम के पंडित आचार्य दुर्गानंद झा उर्फ मालवी झा ने बताया कि इस बार सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. उस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग के साथ सिद्धि योग का अद्भुत संगम है. इसके अलावा सावन महीने की शुरुआत सोमवार को और समापन भी सोमवार के दिन हो रहा है. इसे पंडित महाअद्भुत संयोग के रूप में देख रहे हैं. ऐसे में भगवान शिव के साथ माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ये सावन बेहद शुभ माना जा रहा है. 

सावन में पांच सोमवार को माना गया बेहद शुभ

सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है और इसी दिन से सावन मास का आरंभ भी हो रहा है. साथ ही इस बार सावन मास में यह शुभ संयोग बन रहा है कि सावन की शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार को हो रहा है. सावन मास का आरंभ 22 जुलाई दिन सोमवार से व समापन 19 अगस्त दिन सोमवार को होगा. इस बार सावन में पांच सावन सोमवार का व्रत किया जाएगा, जो बेहद शुभ माने जाते हैं. 

सावन में सोमवार की तिथियां

22 जुलाई - पहला सोमवार

29 जुलाई -दूसरा सोमवार

5 अगस्त - तीसरा सोमवार

12 अगस्त- चौथा सोमवार

19 अगस्त- पांचवा सोमवार

रात 11 बजकर 11 मिनट में प्रीति योग से होगी सावन की शुरुआत

पंडित दुर्गानंद झा के अनुसार 21 जुलाई को रात 11 बजकर 11 मिनट में प्रीति योग से सावन की शुरुआत होगी. यह अगले दिन यानी 22 जुलाई को रात 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. सोमवार को पूरे दिन सिद्धि योग रहेगा. 22 जुलाई को रात 8 बजकर 50 मिनट से आयुष्मान योग की शुरुआत होगी जो अगले दिन 23 जुलाई तक रहेगा. इस योग में भगवान शिव की पूजा और अभिषेक से पूरे साल आयुष्मान होने का वरदान मिलेगा. 

भगवान शिव का प्रिय मास है सावन

सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय मास है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त होता है. सावन सोमवार का व्रत करने और भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने पर जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. सोने पर सुहागा यह है कि इस वर्ष सावन के पहले सोमवार पर एक या दो नहीं बल्कि पांच अद्भुत योग में भगवान शिव की पूजा की जाएगी. 

सावन के पहले सोमवार को बन रहा पांच शुभ योग

पंडित के अनुसार सावन के पहले सोमवार पर इस बार पांच अद्भुत योग बन रहे हैं. जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग के साथ आयुष्मान योग बन रहा है. साथ ही चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहने से नवम पंचम योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने की वजह से शश योग बन रहा है. शश योग के साथ सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला सर्वाद्ध सिद्ध योग भी सावन के पहले सोमवार को बन रहा है. इस पांच शुभ योग में भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना करने से जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी. 

सोमवारी व्रत करने से भक्तों पर बनी रहती है शिव कृपा

पंडित मालवी झा के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्योदय होता है और भक्तों पर शिव कृपा भी बनी रहती है. साथ ही जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए सावन सोमवार का व्रत किया जाता है. सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता और सभी दोष दूर होते हैं. क्योंकि भगवान शिव सभी ग्रह-नक्षत्र और सृष्टि के स्वामी हैं, वह देवों के देव महादेव हैं. जो प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा अर्चना नहीं कर सकता, उसे सावन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अवश्य करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए. महादेव को आशुतोष भी कहा जाता है, आशुतोष का अर्थ है तुरंत खुश या प्रसन्न होने वाला.

(रिपोर्ट:- मिथिलेश कुमार)

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