यहां मनमाने तरीके से होते हैं सारे काम - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

10 जुलाई 2024

यहां मनमाने तरीके से होते हैं सारे काम

डेस्क: पिछले दिनों बीएनएमयू के नॉर्थ कैंपस के संगीत विभाग में प्रायोगिक परीक्षा चल रही थी. जहां चार कॉलेज के छात्रों की परीक्षा होनी थी. यह परीक्षा दो दिन आयोजित की गई थी. जहां दो कॉलेजो की परीक्षा प्रथम पाली एवं दो कॉलेजो की परीक्षा दूसरी पाली में आयोजित की गई थी. दूसरे दिन जिस जिस कॉलेज की परीक्षा द्वितीय पाली में होनी थी उस कॉलेज के छात्रों को सुबह (दस बजे) ही बुला लिया गया था. सभी छात्र बुलाए गए समय पर परीक्षा स्थल पर पहुंच गए. लेकिन परीक्षा भवन का मुख्य द्वार 11 बजे तक नहीं खुला और छात्र बाहर में ही बैठकर दरबाजा खुलने का इंतजार करने लगें. फिर कुछ देर बाद एक व्यक्ति आया और दरबाजा खुलकर बोला सभी ऊपर वाले रूम में जाकर बैठिए, सर आते हैं फिर परीक्षा शुरू होगी. 

सभी छात्र उक्त रूम में बैठकर परीक्षा शुरू होने का इंतजार करने लगे, लेकिन दोपहर तक परीक्षा शुरू नहीं हुआ और इस दौरान एक छात्रा को पेट में दर्द होने लगा और वे बेहोश हो गई. बेहोश हुए छात्रा को उसे दोस्तों के द्वारा टांगकर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया. छात्रा दबाई लेने के बाद फिर से वह परीक्षा देने उक्त स्थान पर पहुंच गई. इस दौरान विभागध्यक्ष पंकज शर्मा और एक्सटर्नल पहुंचकर परीक्षा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. कुछ देर बाद परीक्षा शुरू हुई, लेकिन एक सवा घन्टे बीत जाने के बाद उक्त छात्रों को फिर से वहीं समस्या होने लगी, छात्रा के दोस्तों के द्वारा विभागध्यक्ष से अनुरोध पूर्वक कहा कि सर पहले उक्त छात्रा का ही परीक्षा ले लिया जाए क्योंकि उसकी तबियत बहुत ज्यादा खराब है. 

एक घण्टे के अंदर उसी दूसरी बार इस तरह से हुआ है. इस पर विभागध्यक्ष ने कहा मैं यहां शाम पांच बजे तक रहूँगा, तब तक इलाज करवा कर आओ पांच बजे तक नहीं आने पर परीक्षा में अनुपस्थित कर दिया जाएगा. छात्रा ने पहले अपना जान बचाना उचित समझा और वहां से अपने पति को फोन कर बुलाई और उसके साथ फिर से डॉक्टर के पास जाकर इलाज कारवाई, जब तबियत में थोड़ी सुधार आई तो छात्रा परीक्षा देने पहुंची. परीक्षा के बाद छात्र व अभिभावक परीक्षा में फेल होने के डर से दबी जुबान से कह रहे थे. यहां नियम से किसी को लेना देना नहीं है. जब प्रथम पाली में परीक्षा नहीं था तो बुलाया ही क्यों गया. 
(रिपोर्ट:- गरिमा उर्विशा) 
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages