विश्वविद्यालय के पूर्व जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि समिति द्वारा शिक्षा विभाग को विभिन्न विषयों पर परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें मुख्यतः अकादमिक विषय, वित्तीय विषय एवं प्रशासनिक विषय शामिल हैं. इसके अलावा चौथे अन्य विषय जो संदर्भित किये जाएंगे उनपर भी सुझाव दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अकादमिक विषय के अंतर्गत सिलेबस की समीक्षा अनुपयोगी विषयों को हटाने एवं नये प्रासंगिक विषयों को जोड़ने पर सुझाव, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति को प्रोत्साहित करने के उपाय, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग एवं उसे बढावा देना, पीएच. डी. स्तर के शोध को बढ़ावा देना एवं जनोपयोगी बनाना तथा विविध वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कॉसेज के संचालन पर परामर्श एवं स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संबंध में मार्गदर्शिका शामिल है.
उन्होंने बताया कि वित्तीय विषय में विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन से, वैधानिक कटौतियों के संबंध में मंतव्य, विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन की स्थापना तथा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में संचालित खातों को संख्या एवं आवश्यकता पर परामर्श है. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक विषय के अंतर्गत फीस की प्रतिपूर्ति के तरीकों पर सुझाव, विषय एवं छात्रों के आधार पर शिक्षकों के पदस्थापन का युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन), अप्रासंगिक पदों को सरेंडर किया जाना तथा नए आवश्यक पदों का सृजन तथा विश्वविद्यालय के सत्रों को नियमित करने के उपाय शामिल हैं.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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