मंदिर के खजाने में गबन के आरोपी पर एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

11 अगस्त 2024

मंदिर के खजाने में गबन के आरोपी पर एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं

सिंहेश्वर: बिहार के सुप्रसिद्ध सिंहेश्वरनाथ मंदिर के खजाने में लाखों रुपये की हेराफेरी एवं गबन के मामले में एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं होने से मंदिर की वार्षिक आमदनी एक करोड़ से अधिक घट गई है. मंदिर न्यास को वर्ष 2022/23 में तीन करोड़ 42 लाख 98 हजार 2 सौ 33 रुपये की आय होती है। वहीं 2023/24 में मंदिर न्यास समिति की वार्षिक आय घट कर दो करोड़ 40 लाख 7 हजार 6 सौ 12 रुपया पर पहुंच गई. जबकि हरेक साल लाखों की भीड़ उमड़ रही है. इसमें मुख्य रूप से मंदिर के आमदनी के विभिन्न स्रोत में भारी गिरावट दर्ज की गई हैै. वार्षिक बजट के अनुसार विभिन्न मंदिरों के चढ़ावे से प्राप्त होने वाली आय में तीन लाख, मुंडन व उपनयन शुल्क से सवा चार लाख और सार्वजनिक धर्मशाला की वार्षिक आय में 50 हजार कमी दर्ज की गई है. इसके अलावे रुद्राभिषेक, विशेष श्रंगार पूजन, घंटा घंटी व पारा बाछा के वार्षिक आय में कमी दर्शाई गई हैै. मंदिर में श्रद्धालु की भीड़ बढ़ने के बाद आमदनी घटने से लोग हतप्रभ हैं. इसके पीछे प्रशासनिक शिथिलता भी बड़ी वजह हैै. मंदिर में गबन के मामले में कार्रवाई नहीं होने से हर तरफ लूट खसोट मच गई है. आरोपित का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वह खून खराबा पर उतारू हो गए हैंं. मामले में एक साल बाद भी मंदिर न्यास समिति की तरफ से कार्रवाई नहीं होने पर पूर्व सदस्य ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से की शिकायत की. इसके प्रतिरोध में पूर्व सदस्य पर जानलेवा हमला कर दिया गया.  

न्यास समिति की शिथिलता से घटी मंदिर की वार्षिक आय

सिंहेश्वरनाथ मंदिर में विगत दस वर्षो से जमा हो रही सिक्के का हिसाब किताब नहीं मिल रहा था. इस पर 16 सितंबर 23 को संपन्न न्यास की बैठक में मंदिर न्यास में लाखो रुपये के गबन का खुलासा हुआ. लेकिन मंदिर न्यास समिति व शिथिलता के कारण दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे मंदिर में हर तरफ गड़बड़ी बढ़ गई और इससे मंदिर की वार्षिक आय भी एक करोड़ से अधिक घट गई. 

गबन व चोरी के आरोपी को मिली खुली छूट

मंदिर न्यास समिति में हेराफेरी व चोरी करने वालों को खुली छूट मिल गई है. गबन एवं चोरी के आरोपी के साथ न्यास के सदस्य और अन्य कर्मी भी साथ रहते हैं. बता दे कि मंदिर न्यास समिति की बैठक में दोषी कर्मी पर आरोप लगा कि वह विगत कई वर्षों से चढ़ावे से प्राप्त रुपया बैंक में जमा नहीं कराया है. उन्होंने चढ़ावे के 80 लाख रुपये के सिक्के की हेरा फेरी की है. इसमें पूर्व प्रबंधक सह पूर्व कैशियर मनोज कुमार ठाकुर को हेराफेरी मामले में निष्कासित करने का निर्णय बैठक में लिया गया था. लेकिम निष्कासन की बजाय आरोपित को खुली छूट मिल गई. 

वीडियो के वायरल होने पर एक सदस्य हुए निष्कासित

इससे पूर्व सिंहेश्वरनाथ मंदिर में दानपेटी की गिनती के समय वीडियो वायरल होने पर सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के एक सदस्य को समिति से निष्कासित कर दिया गया था. वीडियो में केवल एक नोट का टुकड़ा वह सदस्य हटा रहा था. वह वीडियो वायरल होने पर न्यास समिति के सदस्य विजेंद्र ठाकुर को निष्कासित कर दिया गया. अब सवा उठ रहा है कि लाखों रुपये की हेराफेरी, चोरी व गबन के आरोपी पर न्यास समिति कब कार्रवाई करती है. 

केसबुक में घट रहे 67 लाख रुपये का नहीं हो रहा मिलान

वर्षों से न्यास के केसबुक का मुंह मिलानी नही हुआ है और ना ही न्यास के किसी वरीय पदाधिकारी का केसबुक पर हस्ताक्षर हो रहा था. आडिट के समय केसबुक में करीब 67 रुपया का मिलान नही हुआ. इसकी जांच के लिए बनी कमिटी ने जांच रिपोर्ट फाइनल कर दिया हैै. जांच के दौरान खजाने के सिक्के की गिनती होने पर करीब 22 लाख रुपया का सिक्का मिला. हालांकि इस जांच रिपॉर्ट पर कुंडली मार कर बैठे हुए अधिकारी दोषी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. 

डीएम के निर्देश पर बनी आठ सदस्यीय जांच कमिटी

हेराफेरी के आरोपी मनोज कुमार ठाकुर के वित्तीय कार्य एवं लेखा जोखा के जांच के लिए अपर समाहर्ता राजस्व की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया था. इस संबंध में जारी पत्र में कहा गया है कि न्यास समिति की बैठक 16/09/2023 को मनोज कुमार ठाकुर पर 80 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है. इसकी जांच के लिए अपर समाहर्ता राजस्व की अध्यक्षता में वरीय उप समाहर्ता सह प्रबंधक, सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति, जिला योजना पदाधिकरी मधेपुरा, मनोज कर्ण, सहायक कमिश्नर जीएसटी, सहायक कोषागार पदाधिकारी मधेपुरा, प्रखंड विकास पदाधिकारी सिंहेश्वर, मनीष सराफ कोषाध्यक्ष और लेखापाल सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की जांच कमिटी बनाई गई है. डीएम के निर्देश पर उक्त कमिटी ने मनोज कुमार ठाकुर के ऊपर मंदिर में 80 लाख रुपये के सिक्के की हेराफेरी एवं वित्तीय कार्य के लेखा जोखा की जांच की है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अब केवल कार्रवाई होना बांकी है.

(रिपोर्ट:- सुनीत साना)

पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages