मधेपुरा: अधिवक्ता परिषद प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रविवार को अधिवक्ता संघ में आयोजित किया गया. बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों के अधिवक्ता शामिल हुए. बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेश प्रसाद सिंह ने कहा कि आपातकाल के बाद जब पूरा देश अलोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष में जुझ रहा था. तब अधिवक्ता परिषद की आवश्यकता महसुस की गई. उसी के उपरांत 7 सितम्बर 1992 को विधिवत रूप से गठन किया गया. तब से लेकर आज तक पूरे देश में संगठन अधिवक्ता के हीत में कार्य कर रहा है.
उन्होंने कहा कि अधिवक्ता परिषद का मुख्य उद्देश्य न्याय प्रणाली के विकास के लिए सभी कार्य करना जो भारतीय परम्पराओं तथा भारतीय समाज की चेतना के अनुकूल तथा स्वीकृत संस्कृति एवं ऐतिहासिक परम्पराओं के अनुरूप हो. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिखा सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्र की एकता, अखण्डता और प्रभुता के लिए परिषद पूर्णतः समर्पित है. परिषद ऐसे सभी क्रियाकलापों को प्रोत्साहित करेगी. जिनका उद्देश्य राष्ट्र की एकता और अखण्डता का निर्माण तथा भारतीयों में बन्धुत्व की भावना का विकास करना हो.
प्रदेश संयोजक अमोद कुमार सिंह ने कहा कि न्यायपालिका में न्याय और विधि प्रशासन में सुधार तथा जनता की सामाजिक, आर्थिक और अन्य आवश्यकताओं के उपयुक्त न्याय प्रणाली की जरूरत है. प्रदेश महामंत्री धरणीधर प्रसाद सिंह ने कहा कि विधि व्यवसाय में लगे अधिवक्ता बन्धुओं, विशेषतया कनिष्ठ अधिवक्ता से कल्याणार्थ योजनायें बनाना, उनके व्यापक हित का संरक्षण करना है.
प्रथम सत्र में भारतीय संविधान और विधियों का पुनर्विलोकन एवं उनमें ऐसे परिवर्तन पर चर्चा की गई जिससे आम लोगों को सस्ता व सुलभ न्याय मिल सके. प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए सबको काम करना होगा. क्योंकि बिना संगठन के हमलोग प्रभावी नहीं हो सकेंगे. सचिव नवीन कुमार ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता ने सिद्ध कर दिया है कि आने वाले समय में परिषद और मजबूती के साथ काम करेगी. मौके पर सूचिन्द्र कुमार सिंह, राजीव रंजन किशोर, राजनन्दन कुमार राज, रनिंग कुमार, सुभाष साह, राहुल कुमार, अमरेन्द्र कुमार भारती, वकील कुमार, प्रमोद कुमार, सीमा कुमारी समेत अन्य लोग मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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