मधेपुरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, मधेपुरा के तत्वावधान में भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा सह परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों ने कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया. इस अवसर पर विभाग प्रमुख प्रो. ललन प्रसाद अद्री ने कहा कर्पूरी ठाकुर एक स्वतंत्रता सेनानी, दूरदर्शी राजनेता एवं सही मायने में जननायक थे. उन्होंने समाज के सभी वंचित वर्गों और विशेषकर किसानों, मजदूरों एवं महिलाओं के हित में काफी कार्य किया. उनका जीवन लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने और भारत के संविधान में निहित स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के सिद्धांतों को व्यवहार में उतारने के अथक प्रयास की मिसाल है. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर सादगी एवं सरलता की प्रतिमूर्ति थे. उन्होंने अपने जीवन में कभी भी जातिवाद एवं परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया. नगर अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक बराबरी के साथ-साथ आर्थिक एवं शैक्षणिक बराबरी पर भी जोड़ दिया. वे चाहते थे कि सभी वर्गों के बच्चों को एक समान एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर समाज एवं राष्ट्र के हित को सर्वोपरि मानते थे और जाति नहीं, जमात की चिंता करते थे. उन्होंने पिछड़ी जातियों, अत्यंत पिछड़ी जातियों के साथ-साथ महिलाओं और गरीब सवर्णों के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया था. प्रांत सह शोध संयोजक डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर सराहनीय कार्य किया है. इससे पूरे बिहार का गौरव बढ़ा है.
प्रांत सह मंत्री समीक्षा यदुवंशी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने समाज शोषित-पीड़ित तबकों और विशेषकर महिलाओं के उत्थान के लिए काफी कार्य किया. हमें उनके विचारों एवं कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है. परिचर्चा में विषय प्रवेश जिला संयोजक नवनीत सम्राट ने किया. संचालन विभाग संयोजक सौरभ कुमार और धन्यवाद ज्ञापन नगर मंत्री अंकित आनंद ने किया. इस अवसर पर नगर सह मंत्री अंशु कुमार, काजल कुमारी, रूपाली कुमारी, निशु कुमारी, अंकिता, लवली, सिन्धु, अमन, राकेश, अमर, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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