मधेपुरा: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2025 पेश करते हुए बिहार के लिए कई अहम घोषणाएं की. इनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता विस्तार जैसी योजनाएं शामिल हैं. इन घोषणाओं को बिहार के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. व्यवसाई मनीष सर्राफ ने कहा यह बजट मध्यम वर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों के लिए काफी अच्छा है. नए टैक्स स्लैब में 12 लाख तक के आय पर शून्य टैक्स एवं नौकरीपेशा वालों को 12.75 लाख तक शून्य टैक्स लगेगा. इसी तरह सिनियर सिटिजन को ब्याज से 1 लाख तक आय पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा पहले ये लिमिट 50 हजार था. अधिवक्ता सह भाजपा नेता राहुल यादव ने कहा देश के इस दूरदर्शी बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बहुत बहुत आभार एवं अभिनन्दन. यह बजट गरीबी मिटाने वाला, किसानों के कल्याण. युवाओं को रोजगार देने वाला तथा मध्यम वर्ग को मदद करने वाला है. यह स्वास्थ्य तथा शिक्षा को उन्नत एवं सुविधाजनक बनाने तथा महिलाओं को सशक्त बनाने वाला बजट है, जो माननीय प्रधानमंत्री के मिशन 2047 के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने वाला है. बिहार को दिए गए मखाना बोर्ड; राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान; एयरपोर्ट्स विस्तार, पटना IIT में सीटों की संख्या में वृद्धि एवं पश्चिमी कोसी कनाल प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए माननीय प्रधानमन्त्री जी का कोटि कोटि धन्यवाद एवं आभार. बिहार में विकास की अवसंरचनाओं के निर्माण एवं विस्तार से लाखों युवाओं को रोजगार प्राप्त होंगे. किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. इससे बिहार के लाखों किसानों को सीधा लाभ होगा. जिला संयोजक, एआईवाईएफ हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट को वाम युवा संगठन एआईवाईएफ मधेपुरा बजट जमीनी जरूरतों से दूर दिखाने वाला मानती है।वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में युवाओं की जरूरतों, शिक्षा से जुड़ी तंत्रों को विकसित करने की योजना नहीं नजर आई. यह बजट गंभीर दिखने और होने के बजाय हवा हवाई नजर आया. वित्तमंत्री का पहनावा और संबोधन बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव का जुमला जैसा होमवर्क सा नजर आया. वित्तमंत्री को हर बात से ऊपर देश का बजट प्रस्तुत करना था जो आजादी के बाद प्लैटिनम जुबली वर्ष को पार कर चुके भारत को शताब्दी वर्ष से पहले विकसित देश बनाने वाला होता.
राष्ट्रीय जनता दल के महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष कुमारी विनीता भारती ने कहा बजट ने माँ-बहनों, किसानों को निराश किया है. क्या पिछले बजट के घोषित कार्यों की पूर्ति हो जाएगी? देश का बजट एक महिला ने पेश किया है फिर भी देश के माँ - बहन, किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। आखिर ऐसा क्यों? क्या इस बजट में सरसों तेल का दाम कम हुआ, गैस की कीमत कम हुई, क्या किसानों के खाद का मूल्य कम हुआ, क्या किसानों की आय दुगुनी हुई, क्या इस बजट से गरीबों का भला होगा? अगर गरीबों का भला नहीं होगा तो बजट ही क्यों पेश किया जाता है. हर बार की तरह इस बार भी बजट ने हम सबको निराश किया है.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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