मधेपुरा: बिहार राज्य स्थापना के एक सौ चौदह वर्षों का सफर बिहार से बिहार बने राज्य को विकास पथ पर निरंतर नई पहचान को प्राप्त करने के बीच के उतार चढ़ाव वाले संघर्ष का है. 1912 में राज्य बनने से अब तक के सफर में बिहार भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और संथाल संस्कृतियों को समेट अनेकता में एकता की मिसाल स्थापित कर चुका है. दानवीर कर्ण के अंग साम्राज्य, प्रतापी जरासंध, बिम्बिसार, अजातशत्रु, चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक महान और प्रतापी गुप्त वंश के मगध साम्राज्य और वैशाली के पहले गणतंत्र का साक्षी रहा अपना बिहार. यह भगवान महावीर और गुरु गोविन्द सिंह जी की जन्मभूमि, बुद्ध, चाणक्य और असंख्य सूफी संतों की कर्मभूमि रहा है. बुद्ध की ज्ञान-स्थली बोधगया का बोधिवृक्ष, बोधि मंदिर और प्राचीन अवशेष, गया के फल्गु नदी के तट पर पितरों की मोक्ष-स्थली, नालंदा का प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय, राजगीर के मगध साम्राज्य और बुद्ध के काल के अवशेष, बसोकुंड की भगवान महावीर की जन्मस्थली और पावा पुरी का उनका निर्वाण-स्थल, विश्व के सबसे पहले गणतंत्र वैशाली में बुद्ध के काल के अवशेष, वैशाली, नंदनगढ़ लौरिया तथा केसरिया के बौद्ध स्तूप, भागलपुर का प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय, समुद्रमंथन का केंद्र बना बांका जिले का पौराणिक मंदार पर्वत, पटना के कुम्हरार और अगमकुआं के मौर्यकाल के अवशेष, सासाराम का शेरशाह का मक़बरा, पटना का तख़्त हरमंदिर साहिब, सीतामढ़ी के पुनौरा में देवी सीता की जन्मस्थली,सिंहेश्वर का शिव मंदिर , बाल्मीकि नगर का खूबसूरत टाइगर रिज़र्व, दुनिया का सबसे बड़ा पशुमेला सोनपुर, नवादा का सुप्रसिद्ध ककोलत जलप्रपात, मुंगेर के हवेली खड़गपुर की खूबसूरत झील और भीमबांध के गर्म जल के प्राकृतिक कुंड बिहार की अनमोल धरोहर हैं, जो हमें वृहद स्तर पर समृद्ध बनाता है. वहीं दूसरी ओर गौतम बुद्ध,महावीर डॉ राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश ने विहार से बिहार तक के सफर को यादगार सार्थकता सिद्ध की. सत्य नारायण द्वारा रचित बिहार राज्य गीत" मेरे भारत के कंठहार तुझको शत शत वंदन बिहार" और एम आर चिश्ती द्वारा रचित राज्य प्रार्थना "मेरी रफ़्तार पर सूरज की किरणे नाज करे" में भारत के सबसे पुराने ही नहीं बल्कि राज्य के रूप में शताब्दी वर्ष से अधिक के सफर का एकलौता गौरव रखने वाले बिहार के सफर की ऐतिहासिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, भौगोलिक विरासत की झलक ही नहीं मिलती बल्कि राज्य गीत और राज्य प्रार्थना हमें आगे बढ़ने को उत्साहित व प्रोत्साहित करती प्रतीत होती हैं. राज्य बनने के एक सौ चौदह वर्षों के सफर में बिहार विभिन्न क्षेत्रों में विकास के पथ पर अग्रसर है और अनेकानेक क्षेत्रों में अपार संभावनाएं दृष्टिगोचर हैं जो सुखद संभावनाओं की ओर इंगित कर रहा है. समय की रफ्तार के साथ बिहार संभावनाओं का भी केंद्र बिन्दु बन उभरा है. गुजरे दौर में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं निकट भविष्य में और अधिक संभावनाएं दृष्टिगोचर प्रतीत होती दिख रही है।विहार से बिहार बनें राज्य के चहुमुखी विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि हर बिहारवासी भी बिहार को आगे ले जाने में अपनी भूमिका साझा करे खास कर वो जरूर जो यहां की गिट्टी मिट्टी में पल आज सफलता के शिखर पर हैं. ऐसे लोगों को अपने बिहार को आगे ले जाने में सारथी बनने की जरूरत है. भारत के सबसे पुराने राज्य बिहार के पहचान में मधेपुरा की भी अहम भूमिका रही है हर दौर में बिहार की पहचान के साथ जीवंत कदमताल करने वाली इस जमीं के बी पी मंडल मंडल आयोग के अध्यक्ष, सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की, शिव नंदन प्रसाद मंडल जहां बिहार के पहले कानून मंत्री बनें वहीं आधनिक बिहार के बीस निर्माताओं में से एक रहे, किराए मुसहर पहले दलित सांसद, बीएन मंडल राष्ट्रीय फलक के समाजवादी चिंतक रहे, कृषि में सिंहेश्वर का नारियल विकास बोर्ड सूबे का पहला बोर्ड रहा, बी एन मंडल विश्वविद्यालय जिला में बनने वाला प्रथम विश्वविद्यालय रहा, एशिया का पहला विद्युत रेलवे इंजन कारखाना मधेपुरा में है. समय समय पर बीपीएससी सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉपर्स दे मधेपुरा ने बिहार के बढ़ते कदम से कदमताल भी किया है. बिहार हर बिहारवाशी की आन बान और शान है और इसे कायम रखना हर नागरिक का प्रथम कर्तव्य भी. मुल्के हिंदुस्तान के सबसे पुराने राज्य बिहार को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और कामना हम रहे न रहे विहार से बिहार बना अपना राज्य सदैव दीर्घायु बना रहे. विहार से बिहार बनें राज्य को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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