रविवार की 2:28 दोपहर में बाबा समाधि से जिंदा बाहर निकले. करीब 50 मिनट का समय लगा. प्रमोद बाबा के समाधि के लिए 14 फीट लंबा, 4 फीट चौड़ा और 4 फीट गहरा गडढ़ा खोदा गया था. मिट्टी नहीं गिरे इसके लिए बांस की चचरी को डबल फोल्ड किया गया, फिर, उसे कपड़े से ढक कर मिट्टी डाली गई थी. 15 दिनों पहले जमीन के अंदर समाधि लिये थे. उन्होंने रविवार को अपने भक्तों को दर्शन दिए. बाबा स्वस्थ्य हैं. उनको देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. इस भीड़ के कारण चौसा-नवगछिया समड़ मार्ग जाम हो गया. ज्ञात हो कि चौसा प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत के भटगामा में आगामी 14 मार्च से श्री-श्री 108 विष्णु यज्ञ एवं श्रीराम कथा महायज्ञ का आयोजन हो रहा है. इसकी सफलता को लेकर प्रमोद बाबा ने 15 फीट जमीन के अंदर समाधि लिये हुए थे. रविवार को 15 दिन पूरे होने पर भक्तों ने उन्हें बाहर निकाला. 28 फरवरी को समाधि में जाने से पहले बाबा ने अपने भक्तों को 15 दिन पुरे हो जाने पर निकाल लेने को कहा था. बाबा के आज्ञा अनुसार भक्तों ने उन्हें समाधि से बाहर निकाल लिया. इस दौरान जिला प्रशासन ने वहां तीन डॉक्टरों की टीम तैनात की थी. लेकिन बाबा ने जांच कराने से इंकार कर दिया. उन्हें देखने पुर्णिया, सहरसा,कटिहार, और भागलपुर से डेढ़ लाख से अधिक लोग पहुंचे थे. भीड़ को देखने हुए भारी संख्या में सुरक्षा बल भी तैनात किए गए थे. समाधिलीन रहे संत प्रमोद बाबा इलाके में मौनी बाबा के रूप में भी चर्चित हैं. बाबा मूलत: पूर्णिया जिले के रूपौली के बलुआ टोला निवासी हैं. मौनी बाबा बीते 12 सालों से मौन धारण किए हुए हैं.
(रिपोर्ट:-सुमित सुमन)
(रिपोर्ट:-सुमित सुमन)