मधेपुरा 31/03/2018
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ, बिहार, पटना के आवाहन पर शनिवार को छठे दिन भी कार्यपालक सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बने रहें. धरना को संबोधित करते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंग (गोपगुट) के जिला सचिव विनोद कुमार विमल ने कहा कि बिहार सरकार में बैठे उच्चाधिकारी तानाशाही रवैया अपना रहे हैं.
जब से अमीर सुभाहनी, मिशन निदेशक –सह- प्रधान सचिव के रूप में प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी में आए हैं तब से पक्षपात का दौर चालू हो गया है. इससे पूर्व भी कई प्रधान सचिव रह चुके हैं, लेकिन श्रीमान जैसे नहीं थे. श्री बिनोद कुमार बिमल द्वारा आज जिलाधिकारी को अपने स्तर से बेएसा के समर्थनमें में मांग पत्र दिया गया है.
धरना को संबोधित करते हुए बेएसा के जिला अध्यक्ष प्रणव प्रकाश ने कहा कि हम लोग आज से ही नहीं वर्ष 2015 से ही अपनी मांग को प्रधान सचिव एवं मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर चुके हैं किंतु सरकार द्वारा हठधर्मिता का परिचय देते हुए हम लोगों की मांग पर कोई विचार नहीं किया गया है. अपितु आलाकमान हटाने की फरमान जारी कर रहे हैं हम सभी कार्यपालक सहायक शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन पर बने हुए हैं जबकि सरकार का रवैया तार्किक अथवा लोकतांत्रिक नहीं लग रहा है.
बेएसा के जिला सचिव(मधेपुरा) सौरभ कुमार ने कहा कि चाहे सरकार जो भी दमनकारी रवैया अपना ले हम सभी कार्यपालक सहायक साथी बेएसा, बिहार, पटना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अडिग खड़े रहेंगे और इस अनिश्चितकालीन हड़ताल रूपी मांग को पूरा करवा कर रहेंगे. जिला उपाध्यक्ष श्री श्याम कुमार ने कहा कि हड़ताल, धरना के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना हमारा मौलिक अधिकार है.
हमारी मांगो पर सकारात्मक सहयोग करने के वजाय हिटलरशाही रवैया अपना सरकार के कुंठित मानसिकता को दर्शाता है. आने वाले चुनाव में इसका परिणाम बुरे रूप देखने को मिलेगा. पिछले छ: दिनों से विभिन्न विभागों के सैंकड़ो कार्यपालक सहायक धरना पर बैठक कर प्रदर्शन कर रहें है.
बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ, बिहार, पटना के आवाहन पर शनिवार को छठे दिन भी कार्यपालक सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बने रहें. धरना को संबोधित करते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंग (गोपगुट) के जिला सचिव विनोद कुमार विमल ने कहा कि बिहार सरकार में बैठे उच्चाधिकारी तानाशाही रवैया अपना रहे हैं.
जब से अमीर सुभाहनी, मिशन निदेशक –सह- प्रधान सचिव के रूप में प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी में आए हैं तब से पक्षपात का दौर चालू हो गया है. इससे पूर्व भी कई प्रधान सचिव रह चुके हैं, लेकिन श्रीमान जैसे नहीं थे. श्री बिनोद कुमार बिमल द्वारा आज जिलाधिकारी को अपने स्तर से बेएसा के समर्थनमें में मांग पत्र दिया गया है.
धरना को संबोधित करते हुए बेएसा के जिला अध्यक्ष प्रणव प्रकाश ने कहा कि हम लोग आज से ही नहीं वर्ष 2015 से ही अपनी मांग को प्रधान सचिव एवं मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर चुके हैं किंतु सरकार द्वारा हठधर्मिता का परिचय देते हुए हम लोगों की मांग पर कोई विचार नहीं किया गया है. अपितु आलाकमान हटाने की फरमान जारी कर रहे हैं हम सभी कार्यपालक सहायक शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन पर बने हुए हैं जबकि सरकार का रवैया तार्किक अथवा लोकतांत्रिक नहीं लग रहा है.
बेएसा के जिला सचिव(मधेपुरा) सौरभ कुमार ने कहा कि चाहे सरकार जो भी दमनकारी रवैया अपना ले हम सभी कार्यपालक सहायक साथी बेएसा, बिहार, पटना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अडिग खड़े रहेंगे और इस अनिश्चितकालीन हड़ताल रूपी मांग को पूरा करवा कर रहेंगे. जिला उपाध्यक्ष श्री श्याम कुमार ने कहा कि हड़ताल, धरना के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना हमारा मौलिक अधिकार है.
हमारी मांगो पर सकारात्मक सहयोग करने के वजाय हिटलरशाही रवैया अपना सरकार के कुंठित मानसिकता को दर्शाता है. आने वाले चुनाव में इसका परिणाम बुरे रूप देखने को मिलेगा. पिछले छ: दिनों से विभिन्न विभागों के सैंकड़ो कार्यपालक सहायक धरना पर बैठक कर प्रदर्शन कर रहें है.
गोपगुट ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट), मधेपुरा द्वारा बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के समर्थन में आगे आ गये है. कार्यपालक सहायकों के मांगों के समर्थन में गोपगुट के जिला सचिव द्वारा जिला पदाधिकारी, मधेपुरा को पत्र देकर अनुरोध किया गया है कि कार्यपालक सहायको के वर्षों से लंबित मूलभूत मांगो को पूरा करने के लिए संघ विभिन्न कार्यक्रमों एवं शिष्टमंडल वार्ता के द्वारा सरकार से लगातार अनुरोध किया जाता रहा है,
लेकिन आज तक सरकार के द्वारा बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के राज्य कमिटी के नेताओं से सम्मानजनक वार्ता नहीं किया गया है. सम्मानजनक वार्ता नहीं होने के स्थिति में ही बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिए निर्णय के आलोक में प्रदेश के सभी जिलो में कार्यरत कार्यपालक सहायक अपने लंबित मांगों के समर्थन में दिनांक 26-3-2018 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जो कर्मचारियों का संवैधानिक मानवीय अधिकार है.
महासंघ को सूचना प्राप्त हुआ है कि बिहार राज्य कार्यपालक सहायको के विरुद्ध सरकार के स्तर से जारी पत्र/ समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह आदेश जारी किया गया है कि “आप 48 घंटे के अंदर अपने कार्य पर योगदान दे अन्यथा आपको नियोजन मुक्त कर दिया जाएगा” जिला के वरिष्ठ प्रशासनिक अभिभावक होने के नाते महासंघ आपसे सकारात्मक पहल की अपेक्षा करता है. विदित हो कि सभी कार्यपालक सहायक दृढ संकल्पित है की - जबतक वर्षो से लंबित मूलभूत मांगों के समर्थन में सरकार से सम्मानजनक वार्ता नहीं हो जाती है तब तक हड़ताल जारी रहेगा, यदि सरकार असंवैधानिक तरीके से हड़ताल को कुचलना चाहेगी तो यह आंदोलन इससे ज्यादा उग्र उन्होंने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
अत: महासंघ(गोपगुट) जिला इकाई- मधेपुरा आपसे अनुरोध करता है कि मधेपुरा जिला में हड़ताल पर गए कार्यपालक सहायको के हित का ध्यान रखते हुए सरकार को अपने स्तर से अनुरोध करने की कृपा की जाए की हड़ताल करना कर्मचारियों का पेशा नहीं है बल्कि कर्मचारियों का अपने मानवीय अधिकारों की रक्षा के लिए एक संवैधानिक रास्ता है इसके माध्यम से विभाग में कार्यरत बच्चे अपने भविष्य को संवारने का प्रयास करते हैं. एक कुशल अभिभावक का कथन है कि “बच्चो के भविष्य को कुचलना आसान है, लेकिन उसी बच्चो के भविष्य को संवारना उतना ही कठिन है”.
लेकिन आज तक सरकार के द्वारा बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के राज्य कमिटी के नेताओं से सम्मानजनक वार्ता नहीं किया गया है. सम्मानजनक वार्ता नहीं होने के स्थिति में ही बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिए निर्णय के आलोक में प्रदेश के सभी जिलो में कार्यरत कार्यपालक सहायक अपने लंबित मांगों के समर्थन में दिनांक 26-3-2018 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जो कर्मचारियों का संवैधानिक मानवीय अधिकार है.
महासंघ को सूचना प्राप्त हुआ है कि बिहार राज्य कार्यपालक सहायको के विरुद्ध सरकार के स्तर से जारी पत्र/ समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह आदेश जारी किया गया है कि “आप 48 घंटे के अंदर अपने कार्य पर योगदान दे अन्यथा आपको नियोजन मुक्त कर दिया जाएगा” जिला के वरिष्ठ प्रशासनिक अभिभावक होने के नाते महासंघ आपसे सकारात्मक पहल की अपेक्षा करता है. विदित हो कि सभी कार्यपालक सहायक दृढ संकल्पित है की - जबतक वर्षो से लंबित मूलभूत मांगों के समर्थन में सरकार से सम्मानजनक वार्ता नहीं हो जाती है तब तक हड़ताल जारी रहेगा, यदि सरकार असंवैधानिक तरीके से हड़ताल को कुचलना चाहेगी तो यह आंदोलन इससे ज्यादा उग्र उन्होंने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
अत: महासंघ(गोपगुट) जिला इकाई- मधेपुरा आपसे अनुरोध करता है कि मधेपुरा जिला में हड़ताल पर गए कार्यपालक सहायको के हित का ध्यान रखते हुए सरकार को अपने स्तर से अनुरोध करने की कृपा की जाए की हड़ताल करना कर्मचारियों का पेशा नहीं है बल्कि कर्मचारियों का अपने मानवीय अधिकारों की रक्षा के लिए एक संवैधानिक रास्ता है इसके माध्यम से विभाग में कार्यरत बच्चे अपने भविष्य को संवारने का प्रयास करते हैं. एक कुशल अभिभावक का कथन है कि “बच्चो के भविष्य को कुचलना आसान है, लेकिन उसी बच्चो के भविष्य को संवारना उतना ही कठिन है”.