चार साल में मिलती है पीजी की डिग्री - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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22 अप्रैल 2018

चार साल में मिलती है पीजी की डिग्री

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में सत्र नियमित करने को लेकर दावे तो किये जाते रहे हैं, लेकिन हकीकत यह कि पीजी की डिग्री लेने में छात्र को चार साल तक का समय लगता है.
                          विश्वविद्यालय की स्थापना काल के बाद से ही सत्र विलंब से चल रहा है. यह बात अलग है कि इस बीच कुछ समय के लिए सत्र को नियमित किया गया था. लेकिन फिर से स्थिति पूर्व की तरह हो गयी है.
                          विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की लेटलतीफी के कारण छात्र समय पर ना तो एडमिशन ले पाते हैं ना ही परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित हो पाता है. 2014 में विश्वविद्यालय में सेमेस्टर सिस्टम लागू कर सत्र को नियमित करने का फैसला लिया था. सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद व्यवस्था और भी बिगड़ती चली गयी.
                                          सेमेस्टर सिस्टम के सत्र 2014-16 का फाइनल परीक्षा अभी तक नहीं हो पायी है, जबकि 2018 में थर्ड सेमेस्टर की ही परीक्षा ली जा रही है. सत्र 2015-17 के छात्रों के सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा चल रही है. 2016-18 के छात्रों के प्रथम सेमेस्टर का अभी क्लास ही शुरू किया गया है. ऐसे में सत्र नियमित करने के विश्वविद्यालय प्रशासन के दावों की हकीकत का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.


                                                   कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने पदभार ग्रहण के बाद हर हाल में 2018 के अंत तक सभी परीक्षाओं को नियमित करने की बात कही थी. उनकी घोषणा के बाद विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का दौर भी शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही इसकी रफ्तार में ब्रेक लग गया और फिर स्थिति पूर्व की तरह बन गयी. विभिन्न छात्र संगठनों ने सत्र नियमितीकरण के लिए कई बार आंदोलन भी किया.
                                                     हैरत की बात तो यह है कि सत्र विलंब होने के कारणों का विश्वविद्यालय प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है. परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवीन कुमार का कहना है कि जल्द ही कई परीक्षाओं की तिथि घोषित कर दी जाएगी और जल्द ही रिजल्ट भी प्रकाशित किये जायेंगे.

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