दरभंगा 12/04/2018
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर दरभंगा द्वारा संगीत एवं नाट्य विभाग के तत्वाधान में एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स के तहत चल रहे सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला का समापन गुरुवार को प्रशिक्षक के विदाई समारोह के साथ हुआ.
असम से आए प्रशिक्षक असीम कुमार नाथ का विदाई विभागाध्यक्ष डॉ. लावण्य कीर्ति सिंह "काव्या" एवं कार्यशाला समन्वयक डॉ़ पुष्पम नारायण ने मिथिला की पहचान मिथिला की टोपी, अंगवस्त्र एवं मिथिला पेंटिंग देकर किया. मौके पर प्रशिक्षक असीम कुमार नाथ ने कहा कि मैं बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि डॉक्टर नारायण ने मुझे यहां बुला कर सात दिनों का कार्यशाला लेने का मौका दिया.
उन्होंने कहा कि यहां सर्टिफिकेट प्राप्त कर रहे हैं सभी बच्चों में सीखने की बहुत जिज्ञासा है बस कमी है तो उन्हें सही मार्गदर्शन देने की. यहां के बच्चे कोर्स पूरा करके नाटक के क्षेत्र में कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ करके अपना और पूरे यूनिवर्सिटी का नाम देश स्तर पर रोशन करने का काम करेंगे.
वही डॉक्टर नारायण ने कहा कि मैं असीम नाथ जी का बहुत आभारी हूं जिन्होंने यहां आकर सभी बच्चे को अभिनय का गुर सिखाने का काम किया. उन्होंने अभिनय के विभिन्न अयामों को बड़ी ही कुशलता पूर्वक बच्चे को खेल-खेल में सिखाने का काम किया. छात्रों ने भी अभिनय के महत्त्वपूर्ण तत्वों की गहनता को गहराई से समझने की कोशिश की.
कार्यशाला के समापन की घोषणा होने पर कुछ बच्चों की आंखें भर आई. उन्होंने बताया कि बच्चों के इस लगन और जिज्ञासा को देखते हुए. आगामी 24 अप्रैल 2018 के नए प्रशिक्षक के साथ पुनः कार्यशाला का आरंभ किया जाएगा. मौके पर विभाग के शिक्षक डॉक्टर सुनील कुमार ठाकुर, सुधीर कुमार सहित प्रशिक्षण ले रहे हैं दर्जनों बच्चे शामिल थे.
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर दरभंगा द्वारा संगीत एवं नाट्य विभाग के तत्वाधान में एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स के तहत चल रहे सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला का समापन गुरुवार को प्रशिक्षक के विदाई समारोह के साथ हुआ.
असम से आए प्रशिक्षक असीम कुमार नाथ का विदाई विभागाध्यक्ष डॉ. लावण्य कीर्ति सिंह "काव्या" एवं कार्यशाला समन्वयक डॉ़ पुष्पम नारायण ने मिथिला की पहचान मिथिला की टोपी, अंगवस्त्र एवं मिथिला पेंटिंग देकर किया. मौके पर प्रशिक्षक असीम कुमार नाथ ने कहा कि मैं बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि डॉक्टर नारायण ने मुझे यहां बुला कर सात दिनों का कार्यशाला लेने का मौका दिया.
उन्होंने कहा कि यहां सर्टिफिकेट प्राप्त कर रहे हैं सभी बच्चों में सीखने की बहुत जिज्ञासा है बस कमी है तो उन्हें सही मार्गदर्शन देने की. यहां के बच्चे कोर्स पूरा करके नाटक के क्षेत्र में कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ करके अपना और पूरे यूनिवर्सिटी का नाम देश स्तर पर रोशन करने का काम करेंगे.
वही डॉक्टर नारायण ने कहा कि मैं असीम नाथ जी का बहुत आभारी हूं जिन्होंने यहां आकर सभी बच्चे को अभिनय का गुर सिखाने का काम किया. उन्होंने अभिनय के विभिन्न अयामों को बड़ी ही कुशलता पूर्वक बच्चे को खेल-खेल में सिखाने का काम किया. छात्रों ने भी अभिनय के महत्त्वपूर्ण तत्वों की गहनता को गहराई से समझने की कोशिश की.
कार्यशाला के समापन की घोषणा होने पर कुछ बच्चों की आंखें भर आई. उन्होंने बताया कि बच्चों के इस लगन और जिज्ञासा को देखते हुए. आगामी 24 अप्रैल 2018 के नए प्रशिक्षक के साथ पुनः कार्यशाला का आरंभ किया जाएगा. मौके पर विभाग के शिक्षक डॉक्टर सुनील कुमार ठाकुर, सुधीर कुमार सहित प्रशिक्षण ले रहे हैं दर्जनों बच्चे शामिल थे.