मधेपुरा 04/05/2018
बीएनएमयू में एक बार फिर कॉपी जांच में गड़बड़ी सामने आई है. हालिया मामला पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया सत्र 2015-17 के पीजी छात्रों से संबंधित है. पीजी छात्रों ने कहा कि विवि प्रशासन व परीक्षक के लापरवाही से एक साथ एक ही पेपर के 13 छात्रों को प्रमोटेड कर दिया गया है. छात्रों ने कहा कॉपी जांच में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है.
छात्र जब परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट होकर दुबारा कॉपी जांच की मांग की तो विवि द्वारा कहा गया कि दुबारा कॉपी जांच का प्रावधान नहीं है. इसके बाद छात्रों ने उत्तरपुस्तिका के छायाप्रति के लिए आवेदन किया. कॉपी का छायाप्रति मिलने के बाद यह बात सामने आई कि कुछ छात्रों के अंक को परीक्षक द्वारा जोड़ा ही नहीं गया है तो कुछ सही उत्तर को गलत कर दिया गया है. परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट प्रमोटेड छात्रों ने 22 नवंबर को अपने-अपने उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया था.
छात्रों ने बताया कि प्रतिकुलपति से इस मामले को लेकर मिलने पर कहा गया कि आवेदन देने के दस दिनों के अंदर छात्रों को कॉपी का छायाप्रति उपलब्ध करा दिया जाएगा. परंतु छात्रों को उत्तरपुस्तिका का छायाप्रति आवेदन करने के पांच माह बाद अप्रैल महीने में द्वितीय तृतीय सेमेस्टर के परीक्षा से दो दिन पूर्व उपलब्ध करवाया गया. इसके बाद कॉपी के पूर्नमूल्यांकन को लेकर विवि पदाधिकारी से कई बार मिले लेकिन विवि की ओर हर बार टाल मटोल कर दिया जाता है.
पूर्णिया कॉलेज के गणित विषय से पीजी कर रहे छात्र आकाश व राम कुमार ने विवि से प्राप्त कॉपी का छाया दिखाते हुए कहा कि उनके कॉपी में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर का जांच किया ही नहीं गया है. जबकि उनका उत्तर सही है. वहीं छात्र आकाश कुमार, अविनाश कुमार, शाहनवाज आलम, मनोहर, दीपक कुमार झा व नीरज ने बताया कि कुछ प्रश्नों का सही ढ़ंग से जांच भी नहीं किया गया तो कुछ छात्र का ऑब्जेक्टिव का उत्तर वाला पेज ही गायब कर दिया गया.
इस बात से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीएनएमयू में किस तरह कॉपी का मूल्यांकन होता है. परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी में सुधार को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कोई पहल नहीं करने पर पूर्णिया कॉलेज दो छात्रों ने पीजी की पढ़ाई छोड़ दी. गणित विषय से पीजी कर रहे छात्र मुकेश कुमार, अभिजीत कुमार ने विवि का चक्कर लगाते-लगाते थक कर पीजी की पढ़ाई को बाय-बाय कर दिया. उनके सहपाठियों ने बताया कि दोनों छात्र परीक्षा परिणाम में सुधार को लेकर कई बार विवि आकर संबंधित पदाधिकारियों से मुलाकात की. लेकिर हर बार छात्रों को सिर्फ आश्वासन ही मिला. छात्रों ने कहा कि बीएनएमयू के लापरवाही से उनलोगों का भविष्य बर्बाद हो रहा है.
अगर विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द उनलोगों के समस्याओं गंभीरता लेकर कार्य नहीं किया तो वे लोग न्यायालय का रूख कर सकते हैं. कहा कि एक तो सत्र दो वर्ष विलंब से चल रहा है. वहीं दूसरी हर सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम में कुछ न कुछ गड़बड़ी रहता ही है. वहीं कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने कहा कि परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्रों को देने को कहा गया है. आवेदन देने के 15 दिनों के उपरांत परीक्षा परिषद के निर्णायानुसार कार्रवाई की जाएगी.
बीएनएमयू में एक बार फिर कॉपी जांच में गड़बड़ी सामने आई है. हालिया मामला पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया सत्र 2015-17 के पीजी छात्रों से संबंधित है. पीजी छात्रों ने कहा कि विवि प्रशासन व परीक्षक के लापरवाही से एक साथ एक ही पेपर के 13 छात्रों को प्रमोटेड कर दिया गया है. छात्रों ने कहा कॉपी जांच में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है.
छात्र जब परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट होकर दुबारा कॉपी जांच की मांग की तो विवि द्वारा कहा गया कि दुबारा कॉपी जांच का प्रावधान नहीं है. इसके बाद छात्रों ने उत्तरपुस्तिका के छायाप्रति के लिए आवेदन किया. कॉपी का छायाप्रति मिलने के बाद यह बात सामने आई कि कुछ छात्रों के अंक को परीक्षक द्वारा जोड़ा ही नहीं गया है तो कुछ सही उत्तर को गलत कर दिया गया है. परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट प्रमोटेड छात्रों ने 22 नवंबर को अपने-अपने उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया था.
छात्रों ने बताया कि प्रतिकुलपति से इस मामले को लेकर मिलने पर कहा गया कि आवेदन देने के दस दिनों के अंदर छात्रों को कॉपी का छायाप्रति उपलब्ध करा दिया जाएगा. परंतु छात्रों को उत्तरपुस्तिका का छायाप्रति आवेदन करने के पांच माह बाद अप्रैल महीने में द्वितीय तृतीय सेमेस्टर के परीक्षा से दो दिन पूर्व उपलब्ध करवाया गया. इसके बाद कॉपी के पूर्नमूल्यांकन को लेकर विवि पदाधिकारी से कई बार मिले लेकिन विवि की ओर हर बार टाल मटोल कर दिया जाता है.
पूर्णिया कॉलेज के गणित विषय से पीजी कर रहे छात्र आकाश व राम कुमार ने विवि से प्राप्त कॉपी का छाया दिखाते हुए कहा कि उनके कॉपी में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर का जांच किया ही नहीं गया है. जबकि उनका उत्तर सही है. वहीं छात्र आकाश कुमार, अविनाश कुमार, शाहनवाज आलम, मनोहर, दीपक कुमार झा व नीरज ने बताया कि कुछ प्रश्नों का सही ढ़ंग से जांच भी नहीं किया गया तो कुछ छात्र का ऑब्जेक्टिव का उत्तर वाला पेज ही गायब कर दिया गया.
इस बात से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीएनएमयू में किस तरह कॉपी का मूल्यांकन होता है. परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी में सुधार को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कोई पहल नहीं करने पर पूर्णिया कॉलेज दो छात्रों ने पीजी की पढ़ाई छोड़ दी. गणित विषय से पीजी कर रहे छात्र मुकेश कुमार, अभिजीत कुमार ने विवि का चक्कर लगाते-लगाते थक कर पीजी की पढ़ाई को बाय-बाय कर दिया. उनके सहपाठियों ने बताया कि दोनों छात्र परीक्षा परिणाम में सुधार को लेकर कई बार विवि आकर संबंधित पदाधिकारियों से मुलाकात की. लेकिर हर बार छात्रों को सिर्फ आश्वासन ही मिला. छात्रों ने कहा कि बीएनएमयू के लापरवाही से उनलोगों का भविष्य बर्बाद हो रहा है.
अगर विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द उनलोगों के समस्याओं गंभीरता लेकर कार्य नहीं किया तो वे लोग न्यायालय का रूख कर सकते हैं. कहा कि एक तो सत्र दो वर्ष विलंब से चल रहा है. वहीं दूसरी हर सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम में कुछ न कुछ गड़बड़ी रहता ही है. वहीं कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने कहा कि परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्रों को देने को कहा गया है. आवेदन देने के 15 दिनों के उपरांत परीक्षा परिषद के निर्णायानुसार कार्रवाई की जाएगी.