मुजफ्फरपुर 04/05/2018
मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एसी बस गुरुवार शाम पूर्वी चम्पारण के कोटवा के समीप पुल से नीचे गिर गई और उसमे भीषण आग लग गई. हादसा एनएच-28 पर बेलवा चौक समीप हुआ. प्रसाशन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मौके से एक भी शव नहीं मिला. यानी सभी यात्री सुरक्षित हैं.
घटना में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है. प्रशासन ने घटना जुड़ी सहायता व सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. बस का शीशा तोड़कर निकले लोगों के अनुसार हादसे के वक्त बस में 27 से 30 लोग सवार थे. इनमें से देर रात तक आठ के निकलने की सूचना मिली. बाकी बचे 20 लोगों के बारे में तरह-तरह की चर्चा है. दूसरी ओर प्रशासन ने एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है.
मोतिहारी के डीएम रमण कुमार ने बताया कि अभी कोई शव नहीं मिला है. एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के सहयोग से जली बस और एनएच किनारे के गड्ढे में तलाश की जा रही है. एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस चालक एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में नियंत्रण खो बैठा और बस पुल से नीचे जा गिरी. बस के गिरते ही उसमें आग लग गई और धू-धू कर जलने लगी. चारो ओर चीख-पुकार मच गई.
तब तक बस के अंदर बैठे कुछ यात्री शीशा तोड़कर बाहर निकले. सूचना मिलते ही घटनास्थल पर डीएम रमण कुमार, एसपी उपेन्द्र शर्मा, डीआईजी ललन मोहन प्रसाद, विधायक सचिन्द्र प्रसाद सिंह पहुंच गए हैं. हादसे की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर तिरहुत कमिश्नर एचआर श्रीनिवास, आईजी सुनील कुमार सहित आला अफसर और भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा. इधर, मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड से मिली जानकारी के मुताबिक साहिल राज डेली सर्विस की बस गुरुवार दोपहर दो बजे यहां से चली. बस स्टैंड से निकलकर रास्ते में चालक ने डीजल भी डलवाया.
पेट्रोल पंप के नोजल मैन के मुताबिक 48 सीट वाली बस में लगभग ढाई दर्जन लोग बैठे थे. हादसे में घायल एक यात्री अमित ने बताया कि बस चालक गाड़ी पलटने के बाद शीशा तोड़ कर बाहर निकला. उसके बाद उसका पता नहीं चला. अमित के अनुसार उनके पीछे एक महिला श्रुति भी बाहर निकलीं. एक अन्य घायल यात्री समस्तीपुर के संजीव कुमार (35) ने बताया कि बस स्टाफ की बात से लग रहा था कि कुछ सीटों की बुकिंग मुजफ्फरपुर से थी, वहीं कुछ लोग गोपालगंज से बस में बैठने वाले थे.
चकिया से गोपालगंज तक चार घंटे तक जाम मोतिहारी. कोटवा में बस हादसे के बाद मची अफरातफरी से चकिया से लेकर गोपालगंज तक एनएच-28 पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. सड़कों पर गाड़ियां फंसी रहीं. तिरहुत प्रमंडल के कमिश्नर अतुल कुमार व आईजी सुनील कुमार ने पहल करके रात 8 बजे जाम समाप्त कराकर पीपराकोठी-गोपालगंज एनएच पर वाहनों का परिचालन शुरू करवाया. एक अन्य घायल यात्री समस्तीपुर के संजीव कुमार(35) ने बताया कि कुछ सीटों की बुकिंग मुजफ्फरपुर से थी, वहीं कुछ लोग गोपालगंज से बस में बैठने वाले थे.
वहीं मोतिहारी के एसपी उपेन्द्र कुमार ने बताया, बस दुर्घटना में अब तक कोई मौत नहीं हुई है. किसी प्रकार की आशंका को दूर करने के लिए एनडीआरएफ व एसटीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है. मुजफ्फरपुर से बस में 13 ऑनलाइन बुकिंग की गयी थी. 27 ऑनलाइन बुकिंग गोपालगंज से थी. घायलों को इलाज के लिए मोतिहारी भेजा गया है. बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर सिंह के अनुसार कई महीने पहले दिल्ली जाने वाली बसों के लिए परिवहन विभाग ने अलग से कई मानक बनाए थे.
परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के डीटीओ और परिवहन सचिव का आदेश जारी किया था. दिल्ली जाने वाली सभी बसों की हर रोज जांच होनी है. विभागीय मानकों को पूरा करने वालों को ही बस आगे बढ़ाने की इजाजत दी जानी थी. मगर मुजफ्फरपुर सहित किसी जिले में इसका पालन नहीं किया गया. इसी के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ट्रांसपोर्टर निरंकुश होते जा रहे हैं. प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. बिहार से हर रोज दिल्ली के लिए कम से कम चार से पांच सौ बसें रोज जा रही है. इसे सख्ती से पालन कराना होगा.
मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एसी बस गुरुवार शाम पूर्वी चम्पारण के कोटवा के समीप पुल से नीचे गिर गई और उसमे भीषण आग लग गई. हादसा एनएच-28 पर बेलवा चौक समीप हुआ. प्रसाशन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मौके से एक भी शव नहीं मिला. यानी सभी यात्री सुरक्षित हैं.
घटना में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है. प्रशासन ने घटना जुड़ी सहायता व सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. बस का शीशा तोड़कर निकले लोगों के अनुसार हादसे के वक्त बस में 27 से 30 लोग सवार थे. इनमें से देर रात तक आठ के निकलने की सूचना मिली. बाकी बचे 20 लोगों के बारे में तरह-तरह की चर्चा है. दूसरी ओर प्रशासन ने एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है.
मोतिहारी के डीएम रमण कुमार ने बताया कि अभी कोई शव नहीं मिला है. एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के सहयोग से जली बस और एनएच किनारे के गड्ढे में तलाश की जा रही है. एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस चालक एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में नियंत्रण खो बैठा और बस पुल से नीचे जा गिरी. बस के गिरते ही उसमें आग लग गई और धू-धू कर जलने लगी. चारो ओर चीख-पुकार मच गई.
तब तक बस के अंदर बैठे कुछ यात्री शीशा तोड़कर बाहर निकले. सूचना मिलते ही घटनास्थल पर डीएम रमण कुमार, एसपी उपेन्द्र शर्मा, डीआईजी ललन मोहन प्रसाद, विधायक सचिन्द्र प्रसाद सिंह पहुंच गए हैं. हादसे की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर तिरहुत कमिश्नर एचआर श्रीनिवास, आईजी सुनील कुमार सहित आला अफसर और भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा. इधर, मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड से मिली जानकारी के मुताबिक साहिल राज डेली सर्विस की बस गुरुवार दोपहर दो बजे यहां से चली. बस स्टैंड से निकलकर रास्ते में चालक ने डीजल भी डलवाया.
पेट्रोल पंप के नोजल मैन के मुताबिक 48 सीट वाली बस में लगभग ढाई दर्जन लोग बैठे थे. हादसे में घायल एक यात्री अमित ने बताया कि बस चालक गाड़ी पलटने के बाद शीशा तोड़ कर बाहर निकला. उसके बाद उसका पता नहीं चला. अमित के अनुसार उनके पीछे एक महिला श्रुति भी बाहर निकलीं. एक अन्य घायल यात्री समस्तीपुर के संजीव कुमार (35) ने बताया कि बस स्टाफ की बात से लग रहा था कि कुछ सीटों की बुकिंग मुजफ्फरपुर से थी, वहीं कुछ लोग गोपालगंज से बस में बैठने वाले थे.
चकिया से गोपालगंज तक चार घंटे तक जाम मोतिहारी. कोटवा में बस हादसे के बाद मची अफरातफरी से चकिया से लेकर गोपालगंज तक एनएच-28 पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. सड़कों पर गाड़ियां फंसी रहीं. तिरहुत प्रमंडल के कमिश्नर अतुल कुमार व आईजी सुनील कुमार ने पहल करके रात 8 बजे जाम समाप्त कराकर पीपराकोठी-गोपालगंज एनएच पर वाहनों का परिचालन शुरू करवाया. एक अन्य घायल यात्री समस्तीपुर के संजीव कुमार(35) ने बताया कि कुछ सीटों की बुकिंग मुजफ्फरपुर से थी, वहीं कुछ लोग गोपालगंज से बस में बैठने वाले थे.
वहीं मोतिहारी के एसपी उपेन्द्र कुमार ने बताया, बस दुर्घटना में अब तक कोई मौत नहीं हुई है. किसी प्रकार की आशंका को दूर करने के लिए एनडीआरएफ व एसटीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है. मुजफ्फरपुर से बस में 13 ऑनलाइन बुकिंग की गयी थी. 27 ऑनलाइन बुकिंग गोपालगंज से थी. घायलों को इलाज के लिए मोतिहारी भेजा गया है. बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर सिंह के अनुसार कई महीने पहले दिल्ली जाने वाली बसों के लिए परिवहन विभाग ने अलग से कई मानक बनाए थे.
परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के डीटीओ और परिवहन सचिव का आदेश जारी किया था. दिल्ली जाने वाली सभी बसों की हर रोज जांच होनी है. विभागीय मानकों को पूरा करने वालों को ही बस आगे बढ़ाने की इजाजत दी जानी थी. मगर मुजफ्फरपुर सहित किसी जिले में इसका पालन नहीं किया गया. इसी के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ट्रांसपोर्टर निरंकुश होते जा रहे हैं. प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. बिहार से हर रोज दिल्ली के लिए कम से कम चार से पांच सौ बसें रोज जा रही है. इसे सख्ती से पालन कराना होगा.