बेगूसारय
लेखकों, बुद्धिजीवियों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घर छापेमारी और कवि वरवर राव, वकील सुधा भारद्वाज, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फ़रेरा, गौतम नवलखा और वरनॉन गोंज़ाल्विस की गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
सोमवार को बेगूसराय में भी जीडी कॉलेज से लेकर शहीद स्मारक स्थल तक प्रतिरोध मार्च निकाला गया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बेगूसराय में वामपंथी संगठनों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की गई.
इस मौके पर प्रलेस के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र राजन जी ने कहा कि विगत चार वर्षो में नफरत और हिंसा की राजनीति को स्थापित किया जा रहा है. लोकतंत्र व तरक्की पसंद बुद्धिजीवियों पर हिंसात्मक हमले तेज हुए है. प्रगतिशील तमाम संगठन इस हमले का प्रतिरोध करता है. तथा जसम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह रंग निर्देशक दीपक सिन्हा ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य के कलाकारों, कवियों, साहित्यकारों, वकीलों, पत्रकारों तथा मानवाधिकार कर्मियों की गिरफ़्तारी से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र पर हमला है.
वहीं जलेस, प्रलेस, एटक व जसम के वक्ताओं ने कहा कि गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, बार्बर राव, अरुण फेरेरिया, बेरनोन्न गोंसाल्विस को अर्बन नक्सल कह कर गिरफ्तार किया गया तथा वक्ताओं ने ये भी कहा कि इसके पूर्व भी इस तरह के हमले हुए जिसमें दाभोलकर, कुलवर्गी और गौरी लंकेश की हत्या सुनियोजित तरीके से की गयी ताकि सत्ता के ख़िलाफ़ प्रतिरोध की आवाज़ को बुलंद किया जा सके.
मौके पर प्रलेश सचिव ललन लालित्य, वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग, रंगनायक जसम के संयोजक व अभिनेता सचिन कुमार, युवा रंगकर्मी अमरेश अमन, डासा के अध्यक्ष हरिशंकर गुप्ता, विनिताभ जी तथा जिला एटक पूर्व अध्यक्ष विष्णुदेव सिंह व नगर इप्टा के सचिव अमरनाथ सिंह आदि मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
लेखकों, बुद्धिजीवियों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घर छापेमारी और कवि वरवर राव, वकील सुधा भारद्वाज, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फ़रेरा, गौतम नवलखा और वरनॉन गोंज़ाल्विस की गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
सोमवार को बेगूसराय में भी जीडी कॉलेज से लेकर शहीद स्मारक स्थल तक प्रतिरोध मार्च निकाला गया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बेगूसराय में वामपंथी संगठनों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की गई.
इस मौके पर प्रलेस के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र राजन जी ने कहा कि विगत चार वर्षो में नफरत और हिंसा की राजनीति को स्थापित किया जा रहा है. लोकतंत्र व तरक्की पसंद बुद्धिजीवियों पर हिंसात्मक हमले तेज हुए है. प्रगतिशील तमाम संगठन इस हमले का प्रतिरोध करता है. तथा जसम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह रंग निर्देशक दीपक सिन्हा ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य के कलाकारों, कवियों, साहित्यकारों, वकीलों, पत्रकारों तथा मानवाधिकार कर्मियों की गिरफ़्तारी से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र पर हमला है.
वहीं जलेस, प्रलेस, एटक व जसम के वक्ताओं ने कहा कि गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, बार्बर राव, अरुण फेरेरिया, बेरनोन्न गोंसाल्विस को अर्बन नक्सल कह कर गिरफ्तार किया गया तथा वक्ताओं ने ये भी कहा कि इसके पूर्व भी इस तरह के हमले हुए जिसमें दाभोलकर, कुलवर्गी और गौरी लंकेश की हत्या सुनियोजित तरीके से की गयी ताकि सत्ता के ख़िलाफ़ प्रतिरोध की आवाज़ को बुलंद किया जा सके.
मौके पर प्रलेश सचिव ललन लालित्य, वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग, रंगनायक जसम के संयोजक व अभिनेता सचिन कुमार, युवा रंगकर्मी अमरेश अमन, डासा के अध्यक्ष हरिशंकर गुप्ता, विनिताभ जी तथा जिला एटक पूर्व अध्यक्ष विष्णुदेव सिंह व नगर इप्टा के सचिव अमरनाथ सिंह आदि मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)