मधेपुरा
पिछले दिनों शहर के वार्ड नंबर 14 जयपालपट्टी से सुमित कुमार नामक युवक के लापता होने की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी. सुमित का तो कोई पता नहीं चल पाया पर उसका शव शुक्रवार की सुबह जरूर मिल गया.
सवाल यह उठता है कि जिस घर में सुमित का शव बरामद किया गया उस घर में सुमित क्या करने गया होगा, क्या कोई उसे बुला कर ले गया या खुद सुमित सुनसान पड़े कैंपस में गया और न जाने क्या - क्या. इन सारे सवालों का जवाब तब पता चलेगा जब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने आएगी. बुधवार के दिन के 2:00 बजे के आसपास अपने घर से लापता हुए सुमित का शव शुक्रवार की सुबह बगल के हीं सुनसान पड़े कमरे से बरामद हुआ.
लापता होने के बाद पहले तो घर वालों ने अपने स्तर से उसकी छानबीन की पर जब कोई सुराग नहीं मिला तो गुरुवार की देर शाम उन्होंने थाने में आवेदन देकर सुमित को खोजने की गुहार लगाई. घरवालों का कहना है कि थाने की ओर से कोई भी संतोषजनक आश्वासन नहीं दिया गया और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने में बहुत आनाकानी की गई. परिजनों के बहुत जद्दोजहद करने के बाद थानाध्यक्ष ने आवेदन ले तो लिया मगर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
इस दरम्यान सुमित के चाहने वाले और रिश्तेदारों का जमावड़ा उसके घर पर लगता रहा. आखिरकार किसी को सुमित के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया. सबकी आखे उसकी हीं राह दे रही थी कि कहीं से सुमित आ जाए, घरवालों का सब्र टूटने लगा था. सारी रात खोजबीन के बावजूद सुबह लोगों को निराशा हीं हाथ लगी. अचानक सुबह सुमित के दादाजी ने सुबह बोला कि मेरे सपने में सुमित आया और बोला कि मैं बगल के कैंपस में हूं, मुझे यहां से ले चलिए.
यह सुन कर घर में मौजूद सभी लोग उस खाली पड़े कैंपस की ओर दौड़ पड़े. जब घर के लोग उस कैंपस में पहुंचे तो कैंपस के हर कमरे में ताला लटका हुआ पाया. पहुंचते हीं लोग आवाज लगाने लगे. लोगों ने एक-एक कर हर कमरे में आवाज लगाई. इसी क्रम में एक व्यक्ति ने बंद पड़े कमरें में झाँक कर देखा तो उसे एक कमरें में कोई लटकता हुआ नजर आया तो उसने हल्ला कर सबको बुलाया.
लोगों ने उस कमरे को धक्का मार कर दवाजा तोड़ा और जब नजदीक गये तो सुमित को फांसी के फंदे से लटकता हुआ पाया. उसके बाद यह खबर आग की तरह पूरे शहर में फैल गई और पूरे शहर के लोग वहां जमा हो गए. लोगों के मुंह से तरह-तरह की बातें सुनने को मिलने लगी. लोगों की शंका है कि किसी ने पहले उसे मारा फिर बाद में उस वीरान कैंपस के बंद पड़े कमरे में फांसी के फंदे से लटकाकर दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया ताकि किसी को कोई शक न हो.
मृतक के पिता मनोज कुमार ने बताया कि मेरे भाई से जमीन का विवाद चल रहा है मुझे आशंका है कि उसी ने मेरे बेटे को मार कर लटका दिया. सुमित के मित्रों एवं परिजनों ने सदर थाना सहित मधेपुरा प्रशासन पर घटना को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए पहले तो कुछ देर जयपालपट्टी चौक पर यातायात बाधित कर नारेबाजी की. फिर कुछ देर के बाद कर्पूरी चौक पर यातायात बाधित करते हुए पूरे शहर को बंद करवा दिया.
उन लोगों का कहना है कि सदर थाना में लिखित एवं मौखिक सूचना देकर सुमित के गुमशुदा की रिपोर्ट लिखवाई गई लेकिन किसी ने समय रहते हुए कोई एक्शन नहीं लिया. अगर सही समय पर पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन की जाती तो शायद आज सुमित जिंदा होता. यातायात बाधित करने वाले लोगों का कहना था कि अविलंब भ्रष्ट थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए मामले की जांच की जाए और दोषी पाए जाने वाले हर एक व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
जिससे सुमित को इंसाफ मिल सके. सदर एसडीओ वृंदा लाल ने बताया कि घटना की जांच हर एक बिंदु को ध्यान में रखते हुए की जाएगी. चाहे जो भी दोषी हो हर किसी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. एसपी संजय कुमार ने मृतक के भाई अमित कुमार को फोन पर आश्वस्त किया तब जाकर जाम टूटा और दुकानें खुली. आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि सुमित एक शांत स्वभाव का लड़का था. वह पढ़ने में बहुत तेज था. उसको किसी भी फालतू चीजों से कोई मतलब नहीं होता था.
इस घटना से परिजनों एवं मोहल्ले वासियों में शोक व्याप्त है. फिलहाल प्रशासन द्वारा जाम समाप्त कर शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हीं यह पता चल पाएगा कि सुमित की हत्या हुई या आत्महत्या. मृतक के बड़े भाई ने आवेदन देकर चाचा प्रमोद पोद्दार, चाची रिंकू पोद्दार और चाचा के साला सुशील पोद्दार पर हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया.
पिछले दिनों शहर के वार्ड नंबर 14 जयपालपट्टी से सुमित कुमार नामक युवक के लापता होने की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी. सुमित का तो कोई पता नहीं चल पाया पर उसका शव शुक्रवार की सुबह जरूर मिल गया.
सवाल यह उठता है कि जिस घर में सुमित का शव बरामद किया गया उस घर में सुमित क्या करने गया होगा, क्या कोई उसे बुला कर ले गया या खुद सुमित सुनसान पड़े कैंपस में गया और न जाने क्या - क्या. इन सारे सवालों का जवाब तब पता चलेगा जब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने आएगी. बुधवार के दिन के 2:00 बजे के आसपास अपने घर से लापता हुए सुमित का शव शुक्रवार की सुबह बगल के हीं सुनसान पड़े कमरे से बरामद हुआ.
लापता होने के बाद पहले तो घर वालों ने अपने स्तर से उसकी छानबीन की पर जब कोई सुराग नहीं मिला तो गुरुवार की देर शाम उन्होंने थाने में आवेदन देकर सुमित को खोजने की गुहार लगाई. घरवालों का कहना है कि थाने की ओर से कोई भी संतोषजनक आश्वासन नहीं दिया गया और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने में बहुत आनाकानी की गई. परिजनों के बहुत जद्दोजहद करने के बाद थानाध्यक्ष ने आवेदन ले तो लिया मगर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
इस दरम्यान सुमित के चाहने वाले और रिश्तेदारों का जमावड़ा उसके घर पर लगता रहा. आखिरकार किसी को सुमित के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया. सबकी आखे उसकी हीं राह दे रही थी कि कहीं से सुमित आ जाए, घरवालों का सब्र टूटने लगा था. सारी रात खोजबीन के बावजूद सुबह लोगों को निराशा हीं हाथ लगी. अचानक सुबह सुमित के दादाजी ने सुबह बोला कि मेरे सपने में सुमित आया और बोला कि मैं बगल के कैंपस में हूं, मुझे यहां से ले चलिए.
यह सुन कर घर में मौजूद सभी लोग उस खाली पड़े कैंपस की ओर दौड़ पड़े. जब घर के लोग उस कैंपस में पहुंचे तो कैंपस के हर कमरे में ताला लटका हुआ पाया. पहुंचते हीं लोग आवाज लगाने लगे. लोगों ने एक-एक कर हर कमरे में आवाज लगाई. इसी क्रम में एक व्यक्ति ने बंद पड़े कमरें में झाँक कर देखा तो उसे एक कमरें में कोई लटकता हुआ नजर आया तो उसने हल्ला कर सबको बुलाया.
लोगों ने उस कमरे को धक्का मार कर दवाजा तोड़ा और जब नजदीक गये तो सुमित को फांसी के फंदे से लटकता हुआ पाया. उसके बाद यह खबर आग की तरह पूरे शहर में फैल गई और पूरे शहर के लोग वहां जमा हो गए. लोगों के मुंह से तरह-तरह की बातें सुनने को मिलने लगी. लोगों की शंका है कि किसी ने पहले उसे मारा फिर बाद में उस वीरान कैंपस के बंद पड़े कमरे में फांसी के फंदे से लटकाकर दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया ताकि किसी को कोई शक न हो.
मृतक के पिता मनोज कुमार ने बताया कि मेरे भाई से जमीन का विवाद चल रहा है मुझे आशंका है कि उसी ने मेरे बेटे को मार कर लटका दिया. सुमित के मित्रों एवं परिजनों ने सदर थाना सहित मधेपुरा प्रशासन पर घटना को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए पहले तो कुछ देर जयपालपट्टी चौक पर यातायात बाधित कर नारेबाजी की. फिर कुछ देर के बाद कर्पूरी चौक पर यातायात बाधित करते हुए पूरे शहर को बंद करवा दिया.
उन लोगों का कहना है कि सदर थाना में लिखित एवं मौखिक सूचना देकर सुमित के गुमशुदा की रिपोर्ट लिखवाई गई लेकिन किसी ने समय रहते हुए कोई एक्शन नहीं लिया. अगर सही समय पर पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन की जाती तो शायद आज सुमित जिंदा होता. यातायात बाधित करने वाले लोगों का कहना था कि अविलंब भ्रष्ट थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए मामले की जांच की जाए और दोषी पाए जाने वाले हर एक व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
जिससे सुमित को इंसाफ मिल सके. सदर एसडीओ वृंदा लाल ने बताया कि घटना की जांच हर एक बिंदु को ध्यान में रखते हुए की जाएगी. चाहे जो भी दोषी हो हर किसी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. एसपी संजय कुमार ने मृतक के भाई अमित कुमार को फोन पर आश्वस्त किया तब जाकर जाम टूटा और दुकानें खुली. आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि सुमित एक शांत स्वभाव का लड़का था. वह पढ़ने में बहुत तेज था. उसको किसी भी फालतू चीजों से कोई मतलब नहीं होता था.
इस घटना से परिजनों एवं मोहल्ले वासियों में शोक व्याप्त है. फिलहाल प्रशासन द्वारा जाम समाप्त कर शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हीं यह पता चल पाएगा कि सुमित की हत्या हुई या आत्महत्या. मृतक के बड़े भाई ने आवेदन देकर चाचा प्रमोद पोद्दार, चाची रिंकू पोद्दार और चाचा के साला सुशील पोद्दार पर हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया.