पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार (29 जनवरी 2019) को दिल्ली में उनका निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. वे 88 वर्ष के थे.
उन्होंने एक बार कहा था, 'अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है तो मैं दोबारा वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा.' बेंगलुरु में करीब 15 वर्ष पहले 'कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन' के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए फर्नांडिस ने वियतनाम के लोगों को अनुशासित, प्रतिबद्ध और दृढ़ संकल्पी बताया था. उन्होंने कहा था कि वियतनाम का दुनिया के कॉफी बाजार में बड़ा हिस्सा है.
उन्होंने कहा था, 'मुझे इससे कोई ईर्ष्या नहीं है. मैं वियतनाम का प्रशंसक हूं और तेज प्रगति के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देश और उसके लोगों की प्रशंसा करता हूं. 'फर्नांडिस ने कहा था, 'अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है, तो मैं वियतनाम में जन्म लेना चाहूंंगा. वे अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए जान न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं. ' वियतनाम का दौरा करने वाले फर्नांडिस पहले रक्षा मंत्री थे.
उनका जन्म कर्नाटक के मंगलुरु में 3 जून, 1930 को एक कैथोलिक परिवार में हुआ था. तब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश हुआ करता था. बताया जाता है कि उनकी मां ब्रिटेन के तत्कालीन किंग जॉर्ज-पंचम की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और इसलिए उन्होंने अपनी छह संतानों में सबसे पड़े बेटे का नाम जॉर्ज रखा था, क्योंकि जॉर्ज-पंचम का जन्म भी इसी दिन 1865 में हुआ था. महान समाजवादी नेता फर्नांडिस का बिहार से गहरा रिश्ता रहा है.
मुजफ्फरपुर से 4 बार सांसद चुने गए थे फर्नांडिस
जॉर्ज फर्नांडिस 1967 से 2004 तक 9 बार सांसद बने. जॉर्ज फर्नांडिस बिहार के मुजफ्फरपुर से 4 बार सांसद चुने गए थे. वह जनता पार्टी की सरकार में उद्योग मंत्री बनाए गए थे. जनता पार्टी के टूटने के बाद उन्होंने समता पार्टी का गठन किया था. समता पार्टी की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाने वाले जॉर्ज भारत के केंद्रीय कैबिनेट में रक्षामंत्री, संचारमंत्री, उद्योगमंत्री, रेलमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं.
उन्होंने एक बार कहा था, 'अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है तो मैं दोबारा वियतनाम में जन्म लेना चाहूंगा.' बेंगलुरु में करीब 15 वर्ष पहले 'कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन' के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए फर्नांडिस ने वियतनाम के लोगों को अनुशासित, प्रतिबद्ध और दृढ़ संकल्पी बताया था. उन्होंने कहा था कि वियतनाम का दुनिया के कॉफी बाजार में बड़ा हिस्सा है.
उन्होंने कहा था, 'मुझे इससे कोई ईर्ष्या नहीं है. मैं वियतनाम का प्रशंसक हूं और तेज प्रगति के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देश और उसके लोगों की प्रशंसा करता हूं. 'फर्नांडिस ने कहा था, 'अगर पुनर्जन्म जैसी कोई चीज है, तो मैं वियतनाम में जन्म लेना चाहूंंगा. वे अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए जान न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं. ' वियतनाम का दौरा करने वाले फर्नांडिस पहले रक्षा मंत्री थे.
उनका जन्म कर्नाटक के मंगलुरु में 3 जून, 1930 को एक कैथोलिक परिवार में हुआ था. तब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश हुआ करता था. बताया जाता है कि उनकी मां ब्रिटेन के तत्कालीन किंग जॉर्ज-पंचम की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और इसलिए उन्होंने अपनी छह संतानों में सबसे पड़े बेटे का नाम जॉर्ज रखा था, क्योंकि जॉर्ज-पंचम का जन्म भी इसी दिन 1865 में हुआ था. महान समाजवादी नेता फर्नांडिस का बिहार से गहरा रिश्ता रहा है.
मुजफ्फरपुर से 4 बार सांसद चुने गए थे फर्नांडिस
जॉर्ज फर्नांडिस 1967 से 2004 तक 9 बार सांसद बने. जॉर्ज फर्नांडिस बिहार के मुजफ्फरपुर से 4 बार सांसद चुने गए थे. वह जनता पार्टी की सरकार में उद्योग मंत्री बनाए गए थे. जनता पार्टी के टूटने के बाद उन्होंने समता पार्टी का गठन किया था. समता पार्टी की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाने वाले जॉर्ज भारत के केंद्रीय कैबिनेट में रक्षामंत्री, संचारमंत्री, उद्योगमंत्री, रेलमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं.