मधेपुरा
गाँधी ने दुनिया को सत्य एवं अहिंसा का रास्ता दिखाया है. इसी रास्ते पर चलकर देश-दुनिया का कल्याण हो सकता है. हमें गाँधी के सपनों की दुनिया बनानी है. यह बात कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही.
वे साउथ कैम्पस में सामान्य शाखा के सामने वाले पार्क में महात्मा गाँधी की प्रतिमा का अनावरण कर रहे थे. इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कुलपति ने कहा कि गाँधी को 150 वर्ष हो गए. लोगों को लग सकता है कि गाँधी की बात अब पुरानी हो गयी है.
लेकिन सच्चाई यह है कि गाँधी आज भी प्रासंगिक हैं. गाँधी के विचारों की चमक बढ़ती जा रही है. दुनिया के युवा गाँधी की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कुलपति ने कहा कि गाँधी-दर्शन में ही आतंकवाद, पर्यावरण संकट, बेरोजगारी, विषमता, अनैतिकता आदि समस्याओं का समाधान है. गाँधी के बताए रास्ते पर चलकर ही दुनिया का कल्याण हो सकता है.
आज गाँधी को अपनाना हमारी मज़बूरी हो गयी है. कुलपति ने कहा कि गाँधी के जीवन-दर्शन का विस्तृत फलक है. इसके हरएक आयामों को लेकर देश-दुनिया में प्रयोग चल रहे हैं. स्वच्छता अभियान, मेक इन इंडिया, स्किल डेवलपमेंट, अर्न ह्वाइल लर्न आदि कार्यक्रम गाँधी से ही प्रेरित हैं. कुलपति ने कहा कि गाँधी का संदेश है कि हम आलोचनाओं की परवाह किए बगैर सत्य के मार्ग पर डटे रहें.
किसी भी परिस्थिति में अनुचित रास्तों पर नहीं चलें. अनुचित रास्तों पर चलकर कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है. हमेशा सही मार्ग पर चलकर ही सफलता मिलती है. अतः हम निरंतर सही दिशा में प्रयास करेंगे, तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी. कुलपति ने कहा कि वे गाँधी के आदर्शों को जीवन में अपनाने का प्रयास कर रहे हैं.
उनका एक ही सपना है कि बीएनएमयू को राष्ट्रीय ख्याति मिले. इसके लिए यह जरूरी है कि हम सभी अपने-अपने कर्तव्यों का सम्यक् निर्वहन करें. प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि गाँधी एक सच्चे धार्मिक व्यक्ति थे. वे अपने आपको सनातनी हिंदू कहते थे. लेकिन उनका हिंदुत्व काफी व्यापक था. वे सभी धर्मों का सम्मान करते थे और सर्वधर्म समभाव के प्रबल हिमायती थे.
इस अवसर पर डीएसडबल्यू डाॅ. शिवमुनि यादव, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, सिनेटर डाॅ. नरेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. नवीन कुमार, परिसंपदा पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, डीआर एकेडमिक डाॅ. एम. आई. रहमान, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, एनएसएस समन्वय डाॅ. अशोक कुमार सिंह, विकास पदाधिकारी डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, बीएओ डाॅ. एस. के. पोद्दार, खेल सचिव डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डाॅ. शंकर कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
गाँधी ने दुनिया को सत्य एवं अहिंसा का रास्ता दिखाया है. इसी रास्ते पर चलकर देश-दुनिया का कल्याण हो सकता है. हमें गाँधी के सपनों की दुनिया बनानी है. यह बात कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही.
वे साउथ कैम्पस में सामान्य शाखा के सामने वाले पार्क में महात्मा गाँधी की प्रतिमा का अनावरण कर रहे थे. इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कुलपति ने कहा कि गाँधी को 150 वर्ष हो गए. लोगों को लग सकता है कि गाँधी की बात अब पुरानी हो गयी है.
लेकिन सच्चाई यह है कि गाँधी आज भी प्रासंगिक हैं. गाँधी के विचारों की चमक बढ़ती जा रही है. दुनिया के युवा गाँधी की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कुलपति ने कहा कि गाँधी-दर्शन में ही आतंकवाद, पर्यावरण संकट, बेरोजगारी, विषमता, अनैतिकता आदि समस्याओं का समाधान है. गाँधी के बताए रास्ते पर चलकर ही दुनिया का कल्याण हो सकता है.
आज गाँधी को अपनाना हमारी मज़बूरी हो गयी है. कुलपति ने कहा कि गाँधी के जीवन-दर्शन का विस्तृत फलक है. इसके हरएक आयामों को लेकर देश-दुनिया में प्रयोग चल रहे हैं. स्वच्छता अभियान, मेक इन इंडिया, स्किल डेवलपमेंट, अर्न ह्वाइल लर्न आदि कार्यक्रम गाँधी से ही प्रेरित हैं. कुलपति ने कहा कि गाँधी का संदेश है कि हम आलोचनाओं की परवाह किए बगैर सत्य के मार्ग पर डटे रहें.
किसी भी परिस्थिति में अनुचित रास्तों पर नहीं चलें. अनुचित रास्तों पर चलकर कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है. हमेशा सही मार्ग पर चलकर ही सफलता मिलती है. अतः हम निरंतर सही दिशा में प्रयास करेंगे, तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी. कुलपति ने कहा कि वे गाँधी के आदर्शों को जीवन में अपनाने का प्रयास कर रहे हैं.
उनका एक ही सपना है कि बीएनएमयू को राष्ट्रीय ख्याति मिले. इसके लिए यह जरूरी है कि हम सभी अपने-अपने कर्तव्यों का सम्यक् निर्वहन करें. प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि गाँधी एक सच्चे धार्मिक व्यक्ति थे. वे अपने आपको सनातनी हिंदू कहते थे. लेकिन उनका हिंदुत्व काफी व्यापक था. वे सभी धर्मों का सम्मान करते थे और सर्वधर्म समभाव के प्रबल हिमायती थे.
इस अवसर पर डीएसडबल्यू डाॅ. शिवमुनि यादव, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, सिनेटर डाॅ. नरेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. नवीन कुमार, परिसंपदा पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, डीआर एकेडमिक डाॅ. एम. आई. रहमान, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, एनएसएस समन्वय डाॅ. अशोक कुमार सिंह, विकास पदाधिकारी डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, बीएओ डाॅ. एस. के. पोद्दार, खेल सचिव डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डाॅ. शंकर कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)