जिसमें मेरा पूरा अस्तित्व है थर्राया
आजतक जो सुन रही थी समाचार में
उसका प्रमाण है मेरे आंगन में आया
इक डॉक्टर के रूप में
आपने अपनी हर जिम्मेदारी निभाई
अब उसको पूरा करने की
मेरी बारी है आई
एक तरफ़ मेरे माँग का सिंदूर है
दूजी तरफ़ हमारे प्यार का अंश
आपके उदास चहरे को देख
मैं टूट चुकी हूँ अन्दर से
पर आँसू बहाकर आपको कमज़ोर नहीं पड़ने दूँगी
हाँ ये वादा है मेरा
मैं हार नहीं मानूँगी
माना शत्रु अदृश्य है हमारा
पर मैंने भी कर ली तैयारी है
चाहे जितनी तक़लीफ़ बढ़े
चाहे जितना संघर्ष हो
नहीं टूट कर बिखरूँगी
मैं हार नहीं मानूँगी
फिर से मुस्काएँगी खुशियाँ हमारे आंगन में
आएगा फ़िर से वसंत हमारे जीवन में
बस कुछ दिन की यह दूरी है
हाँ ये दूरी बहुत ज़रूरी है
माना ये कठिन परीक्षा है
पर मन में मैंने ठाना है
हर इम्तिहान की तरह
इसमें भी सफल होऊँगी
बस यही कहती है 'मनु'
मैं हार नहीं मानूँगी
मैं हार नहीं मानूँगी ।।
मोनिका राज
नेट जे आर एफ