एनएसएस को बनाएं जनांदोलन: कुलपति - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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12 नवंबर 2020

एनएसएस को बनाएं जनांदोलन: कुलपति

मधेपुरा: राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की समाज एवं राष्ट्र के निर्माण एवं विकास में महती भूमिका है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज एवं राष्ट्र से जोड़ना है. हम चाहते हैं कि हमारे सभी विद्यार्थी पढाई के साथ-साथ राष्ट्रीय सेवा योजना से भी जुड़ें और इसे जनांदोलन बनाएं. यह बात कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण ने कही. वे 11 नवंबर को पूर्व गणतंत्र दिवस शिविर का उद्घाटन कर रहे थे. 


मालूम हो कि 26 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड शिविर में भाग लेने के पूर्व नवंबर-दिसंबर में बी. आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा (उत्तर प्रदेश) में पूर्व गणतंत्र दिवस परेड शिविर आयोजित होगा. इस बावत भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय क्षेत्रीय निदेशालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, पटना के पत्र- सं. पी. 08/ रा. से. यो./क्षे. का./ 2020-21/1932- 1983, दिनांक- अक्टूबर 26, 2020 द्वारा विश्वविद्यालय को निदेशित किया गया है. कुलपति ने कहा कि एनएसएस को समाज एवं राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन का वाहक बनें. 

हम अनुशासित बनें. हम पहले अपने जीवन में बदलाव लाएं. फिर समाज में बदलाव आएगा. कुलपति ने कहा कि जो चयन होने में सफल होंगे, उन्हें और मेहनत करके आगे विश्वविद्यालय का नाम रौशन करें. जो अभी चयन होने में असफल हो गए हैं, वे भी घबराएं नहीं. सकारात्मक सोच रखें और हमेशा समाज के हित में काम करें. उन्होंने कहा कि हम समाज सुधार में अपनी महती भूमिका निभाए. दहेजबंदी, शराबबंदी एवं ऐसे अन्य कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लें. सभी इकाईयों को सक्रिय बनाएँ. 


प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य है, मैं नहीं आप. हमें इस ध्येय वाक्य को अपने जीवन में अपनाना है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य हमारी युवा पीढ़ी को सामाजिक सरोकारों से जोड़ना है. किसी कार्यक्रम में चयनित होना महत्वपूर्ण है. लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम अपने अंदर सेवा की भावना को जागृत करें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि के संबंध में जागरूकता फैलाना है. 

गोद लिए गए गाँव में सकारात्मक परिवर्तन आए. डीएसडब्लू डाॅ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि कार्यक्रमों में अधिक स्वयंसेवकों की भागीदारी हो. अच्छी प्रतिस्पर्धा हो और बेहतर स्वयंसेवकों का चयन किया जाए. एनएसएस की सभी इकाईयों को सक्रिय किया जाए. कुलानुशासक डाॅ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का सम्मान बढ़े. एनएसएस का अतीत गौरवशाली रहा है. भविष्य भी बेहतर होगा. कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि एनएसएस को और सक्रिय बनाएँ. 


यूनिट बढ़ाएं. विश्वविद्यालय द्वारा कोताही नहीं करेंगेे. विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़े. गरीबों का हित हो. वर्ष 2008 की बाढ़ में एनएसएस ने महती भूमिका निभाई थी. अन्य आपदाओं में भी एनएसएस की महती भूमिका रही है. बीएनमुस्टा के महासचिव डाॅ. नरेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में एनएसएस को गतिशील बनाया जाए. हमारे विद्यार्थियों की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बने. एनएसएस समन्वयक डाॅ. अभय कुमार ने कहा कि स्वयंसेवक निर्धारित मानक पूरा करते हों तथा विगत वर्षों में उच्च कोटि का कार्य किया हो और उनका स्वास्थ्य एवं मार्च पास्ट अच्छा हो. 


विशेष शिविर में भाग लिया हो. राष्ट्रीय सेवा योजना से एक वर्ष पूरा किया हो. जिन प्रतिभागियों ने पूर्व में एक बार भी गणतंत्र दिवस पर शिविर या पूर्व गणतंत्र दिवस परेड में भाग नहीं लिया हो और एनसीसी का कैडेट नहीं हो. इस अवसर पर जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर, पीएस कॉलेज, मधेपुरा के एनसीसी ऑफिसर डॉ. अजय कुमार, चिकित्सक डाॅ. असीम प्रकाश और संगीत विभाग की प्राध्यापक रीता कुमारी, डाॅ. संजीव कुमार झा, चंद्रशेखर अधिकारी, अनिल कुमार, डाॅ. नारायण कुमार, डाॅ. अभय कुमार, क्रांति कुमारी, पूजा कुमारी, नेहा कुमारी आदि उपस्थित थे.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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