मधेपुरा: आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस के एक महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी मधेपुरा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में अस्त व्यस्त तरीके से टंगे व विभिन्न गाड़ियों में लगे तिरंगा झंडा को लेकर एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने मधेपुरा डीएम को पत्र लिख प्रशासनिक स्तर पर पहल करते हुए सम्मान पूर्वक तिरंगा उतरवाने की मांग की है. डीएम को लिखे पत्र में छात्र नेता राठौर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 13से 15 अगस्त तक ही हर घर तिरंगा लगाने व फहराने का आदेश था लेकिन स्वतंत्रता दिवस के एक माह से अधिक गुजर गए फिर भी अधिकांश जगह, घरों, दुकानों सहित विभिन्न गाड़ियों में तिरंगा झंडा अस्त व्यस्त अवस्था में लगा हुआ है जो एक प्रकार से राष्ट्रीय झंडे का अपमान मात्र ही नहीं है बल्कि झंडों के प्रयोग को बनी ध्वज संहिता 2002 का सीधा उलंघन भी है.
खासकर जिला में न्याय के सबसे बड़े परिसर कोर्ट के मुख्य द्वार पर ही गेट से नीचे लगे दो राष्ट्रीय ध्वज तो मानों न्याय परिसर में ही ध्वज संहिता की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं. गृह मंत्रालय ने निर्देश भी जारी किया है कि जहां तिरंगा झंडा लगा है उसे सम्मान पूर्वक उतरवा लिया जाए अन्यथा प्रशासनिक कार्रवाई हो सकती है. राठौर ने डीएम से मांग किया कि इसे गम्भीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि यह राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का मामला है. पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में इसको लेकर निर्देश जारी हो रहे हैं मधेपुरा जिला प्रशासन को संगठन द्वारा पूर्व में आग्रह के बाद भी गंभीर नहीं होना दुखद है. इस मामले में अविलंब तत्परता दिखानी चाहिए. राठौर ने कहा कि लोगों की लापरवाही का आलम यह है कि मात्र सिंघेश्वर व मधेपुरा बाजार में लगभग सौ जगहों पर तिरंगा अभी भी अस्त व्यस्त अवस्था में लगे हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में तिरंगा का लगना अथवा इसका प्रयोग तिरंगे के प्रति लोगों का स्नेह है लेकिन इसके प्रयोग के नियमों के प्रति भी जागरूक होने की जरूरत है. संगठन की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि जिन्होंने अभी भी तिरंगे को अपने घरों, प्रतिष्ठानों, गाड़ियों अथवा अन्य जगहों पर लगाए हुए हैं उन्हें सम्मान पूर्वक उतरवा लें. क्योंकि तिरंगा का अपना महत्व है विशेष अवसरों पर इसका प्रयोग इसके महत्व को बढ़ाता है.
इसको सामान्य प्रयोग में लाना इसके महत्त्व को हल्का करने जैसा है. राठौर ने इस सम्बन्ध में डीएम मधेपुरा को विभिन्न जगहों पर हो रही तिरंगा की दुर्दशा के साक्ष्य भी प्रेषित किया है और अविलंब पहल की मांग की है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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