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16 सितंबर 2022

दो बार विज्ञापन के बाद भी शिक्षा शास्त्र विभाग नहीं कर सका नन टीचिंग स्टाफ की बहाली, आवेदक आज भी इंतजार में

शिक्षा शास्त्र विभाग सत्र 2020-22 में सीट से अधिक एडमिशन, रोस्टर की अनदेखी और फिर छात्रों से तीन करोड़ पचास लाख के अवैध वसूली के साक्ष्य पूर्ण आरोप के बाद वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने एक और हमला बोला है और बीएनएमयू मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के बड़े करतूत का खुलासा किया है. बीएनएमयू कुलसचिव को लिखे पत्र में राठौर ने शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा निकाली गई दो दो बार नन टीचिंग स्टाफ की बहाली के विज्ञापन की कॉपी भेजते हुए कहा है कि आखिर ऐसी क्या परिस्थिति उत्पन्न हुई कि दो बार विज्ञापन निकालने व आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरा करने के बाद भी विभाग नन टीचिंग स्टाफ की बहाली नहीं कर पाया. 

बीएनएमयू कुलसचिव को भेजे पत्र में राठौर ने कहा कि विभाग के स्थापना के समय 17 अप्रैल 2018 को वॉक इन इंटरव्यू के लिए टीचिंग व नन टीचिंग स्टाफ दोनों की बहाली के विज्ञापन निकाल आवेदन आमंत्रित किए गए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया लेकिन टीचिंग स्टाफ की बहाली कर नन टीचिंग स्टाफ बहाली की प्रक्रिया बाद में पूरा करने की बात कुछ दिनों तक की जाती रही फिर धीरे धीरे इस चर्चा को दबा दिया गया. बाद में नन टीचिंग स्टाफ बहाली की बात चर्चा में आने पर दो साल बाद साल 2020 में दो फरवरी को वॉक इन इंटरव्यू के लिए फिर से विज्ञापन निकाल आवेदन आमंत्रित किए गए. छात्र नेता राठौर ने कहा कि सारी प्रक्रिया अपनाई गई लेकिन एक बार फिर नन टीचिंग स्टाफ बहाली के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. फिर उसके बाद विभाग व विश्वविद्यालय ने मानों नन टीचिंग स्टाफ बहाली से मुंह ही मोड़ लिया. 
नन स्टाफ का नहीं होना विभाग के मान्यता रद्द होने का बन सकता है बड़ा कारण

एआईएसएफ नेता राठौर ने पत्र में कहा है कि शिक्षा शास्त्र विभाग स्थापना से पहले पर्याप्त संख्या में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति की गारंटी करता है तब जाकर मान्यता बहाल होती है लेकिन जिस तरह नौ शिक्षकों की बहाली कर विभाग ने एनसीटीई को धोखे में रख अनुमोदन ले लिया उससे प्रतीत होता है कि नन टीचिंग स्टाफ के मामले में भी विभाग ने एनसीटीई को गुमराह कर चार सौ बीसी किया है क्योंकि बीएनएमयू मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में स्थापना काल से एक भी नन टीचिंग स्टाफ नहीं और एनसीटीई सभी पदों पर नियुक्ति के बिना मान्यता बहाल नहीं कर सकता. 


राठौर ने कहा कि लगातार बीएनएमयू परिसर के शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा एक से एक करतूतों का सामने आना और विभाग के कारण बीएनएमयू कुलसचिव को हाई कोर्ट के कटघरे में खड़े होने की नौबत आन पड़ना दर्शाता है कि शिक्षा शास्त्र विभाग को भ्रष्टाचार व बड़े गोलमाल का केंद्र बना दिया है जो विश्वविद्यालय परिसर में होने के कारण बीएनएमयू की प्रतिष्ठा भी धूमिल कर रही है।राठौर ने मांग किया कि इसे गम्भीरता से लेते हुए अविलंब पूर्व के आवेदनों को संग्रहित कर सूची प्रकाशित करते हुए नन टीचिंग स्टाफ बहाली के इंतजार के सूखे को खत्म किया जाए अन्यथा बड़ी मशक्कत के बाद आया शिक्षा शास्त्र विभाग इस भयानक कमी के कारण मान्यता न कहीं खो दे.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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