मधेपुरा: भारत ने दुनिया को प्रेम एवं अहिंसा का संदेश दिया है. इसी संदेश के कारण हम दुनिया में विश्वगुरु थे और आगे भी हम प्रेम एवं मुहब्बत के दम पर ही विश्वगुरु बनेंगे. हम नफरत के दम पर विश्वगुरु नहीं बन सकेंगे. यह बात बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कही. वे शनिवार को बीएनएमयू में आयोजित सम्मान समारोह सह परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत को जाति-व्यवस्था ने गर्त में ढकेल दिया. जाति के कारण ही भारत विश्वगुरु से पदच्युत हुआ. हम जातिवाद को मिटा देंगे, तो पुनः विश्वगुरु बन जाएंगे.
उन्होंने कहा कि शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे बड़ा औजार है. शिक्षा दुनिया से अंधकार को मिटाकर प्रकाश ला सकते हैं. डॉ. अंबेडकर इसके सबसे बड़े प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि है. हमारे नालंदा एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय में दुनिया भर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे. लेकिन दुर्भाग्यवश हम अपनी विरासत को बचा नहीं पाए. भारतीय परंपरा में गुरु को ईश्वर माना गया है. शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे सवों के बीच ज्ञान बांटने का काम करें. उद्घाटनकर्ता सह अध्यक्ष कुलपति प्रोफेसर आरकेपी रमण ने कहा कि शिक्षा मंत्री हमारे विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य हैं. आपका इस विश्वविद्यालय से गहरा लगाव है. आप यहां लंबे समय तक अधिषद् (सीनेट) के भी सदस्य रहे हैं और आप पहले से ही विश्वविद्यालय के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं.
उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से स्नातकोत्तर विभागों में पद सृजित करने और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान की मांग की। साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों को मान्यता दिलाने और विभिन्न अधूरी योजनाओं को पूरा करने की जरूरत बताई. विषय प्रवेश करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर आभा सिंह ने कहा कि शिक्षा को एक व्यवसाय का रूप दे दिया गया है. ऐनकेन प्रकारेण लोग शिक्षक बन रहे हैं। शिक्षकों के लिए एक प्रतियोगिता परीक्षा हो. कक्षाओं का संचालन हो. शिक्षक छात्रों पर आरोप लगाते हैं और छात्र शिक्षक पर दोनों से प्रति माह फीडबैक लिया जाए. शिक्षित लोग रोजगार के योग्य नहीं हैं.
स्वागत भाषण देते हुए कुलसचिव प्रोफेसर मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि यह बीएनएमयू के लिए सबसे बेहतर समय है. आज शिक्षा मंत्री से लेकर कुलपति, प्रति कुलपति एवं कुलसचिव तक सभी इसी विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य हैं. सभी मधेपुरा एवं कोसी की धरती से हैं. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया. अतिथियों/ पदाधिकारियों का अंगवस्त्रम्, पौधा एवं स्मृतिचिह्न से स्वागत किया गया. सबों ने महामना भूपेंद्र नारायण मंडल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व कुलपति महावीर प्रसाद यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा / प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की.
(रिपोर्ट:- मनीष कुमार)
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