बीएनएमयू पदाधिकारियों की लापरवाही से पर्व जैसे अवसर पर शिक्षक, कर्मचारियों की अटक गई सैलेरी - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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30 सितंबर 2022

बीएनएमयू पदाधिकारियों की लापरवाही से पर्व जैसे अवसर पर शिक्षक, कर्मचारियों की अटक गई सैलेरी

मधेपुरा: उच्च शिक्षा के निदेशक डॉ रेखा कुमारी द्वारा बीएनएमयू कुलसचिव को लिखे पत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बीएनएमयू मधेपुरा से प्राप्त आय व्यय में व्यापक स्तर पर विसंगतियों की शिकायत पर एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने संज्ञान लेते हुए कुलपति व कुलसचिव को पत्र लिखकर संगठन का कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि बीएनएमयू अपनी उपलब्धि से अधिक अपने पदाधिकारियों की करतूतों के कारण चर्चा में रहता है जिसके कारण विश्वविद्यालय की फजीहत आम बात हो गई है. 

ताजा हवाला उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा पत्रांक 15/बी-6/2822 का हवाला देते हुए एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि कुलसचिव को लिखे पत्र में साफ कहा जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 22-23 में बीएनएमयू से प्राप्त आय व्ययक में चतुर्थ चरण के कॉलेजों में कार्यरत कई शिक्षकों व कर्मियों का नाम न तो अग्रवाल कमिशन में है न ही एस बी सिन्हा कमिशन के प्रतिवेदन में. दूसरी ओर अनुकम्पा पर कार्यरत कर्मियों के पाल्यों के नाम नहीं होने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है कि आखिर वो किस कमिशन के अन्तर्गत आएंगे. 
एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि गलती एक दो नामों के साथ होती तो मामला समझ आता यहां आलम यह है कि उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने एक सौ तीस से अधिक नामों की सूची संलग्न करते हुए व्यक्तिवार कमियों का निराकरण कर सूची उपलब्ध कराने को कहा है अथवा विश्वविद्यालय कर्मियों के वेतन भुगतान में विलंब की जवाबदेही विश्वविद्यालय की होगी विभाग जवाबदेह नहीं होगा बीएनएमयू के लापरवाह पदाधिकारियों की करतूतों का कारनामा ही है कि पर्व जैसे मौकों पर उन्हें वेतन नहीं मिल पाया जबकि 24 सितम्बर तक ही वेतन दे देना थाा. 

राठौर ने कहा कि यह कोई सामान्य गलती नहीं है पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक व कर्मियों का वेतन प्रभावित होना कहीं न कहीं उनके घर परिवार के साथ खुशनुमा माहौल में पर्व मनाने की उम्मीद पर पानी फेर गया. यह अक्षम्य घटना दोषी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जरूरत को दर्शाता है.

लापरवाही का आलम यह कि कहीं संख्या से अधिक शिक्षकों का उल्लेख तो कहीं नामों में ही उलटफेर. आय व्यय के सूची में गड़बड़ी का मामला इतना बड़ा है कि सम्प्रति बीएनएमयू कॉलेज विज्ञान निरीक्षक डॉ भूपेंद्र नारायण सिंह का नाम सूची में सातवें नंबर पर है जबकि सम्बन्धित विषय में छ ही शिक्षक हैं वहीं अग्रवाल कमिशन में उनका नाम भूपेंद्र प्रसाद सिंह है. वहीं पार्वती कॉलेज एस एन एस कॉलेज में कई और ऐसे ही मामले हैं. 


इससे यह भी सवाल खड़ा होता है कि जितनी सीट है उससे अधिक पद कैसे कहीं सीट से अधिक नामांकन की तरह सीट से अधिक शिक्षकों की बहाली भी तो नहीं।राठौर ने साफ शब्दों में कहा कि व्यवस्था को कड़ा करना वक़्त की पुकार बन गई है कुलपति सख्त कदम उठाऎं.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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