मधेपुरा: नवोदय प्रवेश परीक्षा में अपनी प्रतिभा के बल पर सफल हो प्रथम सूची में स्थान बनाने के बाद विद्यालय प्रशासन द्वारा सारी अहर्ता को पूरा करवाने के बाद ऐन मौके पर नामांकन से इंकार कर देने और दूसरी ओर जिला मुख्यालय के डी बी रोड में अतिक्रमण के नाम पर घर तोड़ दर्जनों लोगों को बेघर करने के मामले में वाम युवा संगठन एआईवाईएफ ने संज्ञान ले एक ओर जहां पत्र लिख डीएम से मिलने हेतु समय के लिए पत्र लिखा है वहीं दूसरी तरफ दोनों मामलों से जुड़े बिंदुओं की जड़ से जानकारी को लेकर पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया हैै.
संगठन के जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि संगठन नवोदय नामांकन व डीबी रोड अतिक्रमण हटाने के मामले में गम्भीर है एक ओर जहां 24 छात्रों द्वारा परीक्षा पास कर प्रथम सूची में नाम आने के बाद भी आखिरी मौके पर नामांकन से वंचित कर दिया गया है वहीं दूसरी ओर डी बी रोड स्थित दर्जनों आवास को अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया है जो दुखद है प्रथम दृष्टया इसमें दोषी जिला प्रशासन के दूरदर्शिता से परे फैसला लेना भी है.
इसकी जमीनी हकीकत जानने व पीड़ित छात्रों व बेघर लोगों के हित में पहल के लिए संगठन ने जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर को संयोजक और जिला सचिव सह कमिटी के सदस्य सचिव सौरव कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमिटी का गठन किया है जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति, जिला उपाध्यक्ष रेखा कुमारी, पूर्व जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना सदस्य होंगे यह कमिटी चार दिनों के अंदर रिपोर्ट तैयार कर उसके आधार पर डीएम व एसडीएम से मुलाकात कर रिपोर्ट सौंपते हुए कारवाई की मांग करेगी.
राठौर ने साफ शब्दों में कहा कि जब छात्र परीक्षा पास कर गए तब उन्हें एडमिशन से रोकना उनके मौलिक अधिकारों की हत्या है. नामांकन से जुड़ा कोई भी नियम परीक्षा के लिए आवेदन से पूर्व तय किया जाता है न कि अंत में. डीबी रोड स्थित दर्जनों आवास को अतिक्रमण के नाम पर हटाने के मामले में राठौर ने कहा कि अद्भुत आश्चर्य है कि जिसे कभी जिला प्रशासन ने ही बसाया था उसे वहीं प्रशासनिक व्यवस्था अतिक्रमण के नाम पर हटा रहा है. अगर हटाना भी था तो उसका स्थाई विकल्प देते हुए हटाना था जो नहीं हुआ. इसलिए दोनों प्रकरण में गहराई से अध्ययन और पहल की जरूरत है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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