86 कर्मचारीयो के समर्थन में राज्यपाल को लिखा पत्र - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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27 अक्टूबर 2023

86 कर्मचारीयो के समर्थन में राज्यपाल को लिखा पत्र

मधेपुरा: बीएन मंडल विश्वविद्यालय मे चल रहे 86 कर्मचारीयो के अनिश्चितकालीन हड़ताल के 8वें दिन युवा राष्ट्रीय लोक जनता दल बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. अभिषेक कुशवाहा एवं आइसा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने सयुंक्त रूप 86 कर्मचारीयो से वार्ता कर राज्यपाल को पत्र लिखा. जिसमे उन्होने कहा है कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में आज 8 रोज से 86 कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है. बीते 4 माह से विश्वविद्यालय प्रशासन कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है. जबकि 2017 से हाईकोर्ट के जजमेंट के बाद 86 कर्मचारियों को नियमित नियुक्त किया गया और हाई कोर्ट के ही आदेश के आलोक में 39 माह का वेतन भी दिया गया लेकिन बीते 4 माह से विश्वविद्यालय एवं स्नातकोत्तर विभाग सहित 86 कर्मचारीयो का वेतन रोक दिया गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय सिर्फ आंतरिक स्रोत से आंशिक राशि का ही भुगतान करेगी. मूल राशि जो पूर्व से उन्हें मिल रही है वह नहीं देगी जबकि कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें मूल वेतन दिया जाए जो हाई कोर्ट के आदेश के बाद मिल रही थी. विश्वविद्यालय प्रशासन मूल देने वेतन देने से साफ मना कर रही है. इस हड़ताल के कारण विश्वविद्यालय का काम पूरी तरह ठप है. छात्र छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.युवा रालोजद के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. अभिषेक कुशवाहा एवं आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया है कि इस आंदोलन को खत्म करवाया जाए. सभी को मूल वेतन जो हाई कोर्ट के जजमेंट के बाद मिल रही थी. वह दिया जाये. 

रालोजद के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. अभिषेक कुशवाहा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर अपनी मनमानी कर रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन सभी को गुमराह कर रही है. जो काफी निराशाजनक और निंदनीय है. इसका समाधान जल्द किया जाये. जिससे विश्वविद्यालय का काम फिर सुचारु रूप से चल सके सभी 86 कर्मचारी अपने अपने काम पे लौट सके. मूल प्रमाण पत्र, माइग्रेशन प्रमाणपत्र सहित छात्र हित के कई मुद्दो का निष्पादन नही होने से छात्रो मे काफी आक्रोश है. आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि इस आन्दोलन से सत्र नियमितीकरण, परीक्षा पर प्रतिकूल असर पर रहा है जो राजभवन, राज्य सरकार के आदेश है कि सभी सुचारु रूप से चले. जिससे छात्र छात्राओ के भविष्य के खिलवाड़ ना हो यदि ससमय हड़ताल को खत्म करते हुए इनके बकाया मूल वेतन का भुगतान नही गया तो सयुंक्त छात्र संगठन आन्दोलन करने को बाध्य होगी जिसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी.
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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