डॉ प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि इन छात्रों के द्वारा ई-स्मारिका का प्रकाशन इनकी स्मृतियों को चिरस्मृति बना गया है. इसके प्रकाशन से छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा का विकास होने के साथ यह स्मारिका इस बात का सबूत है कि छात्र में कुछ अनोखा करने की क्षमता है. पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ई -स्मारिका के प्रकाशन से इन छात्रों के अंदर जो विभाग व शिक्षकों के प्रति सम्मान का भाव है वह इसके माध्यम से समाज के बीच जाने से छात्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।यह और भी अच्छा होगा कि हार्ड कॉपी में जब हम सबों के बीच होगी.
एम एच एम महाविद्यालय सोनवर्षा के सहायक प्राध्यापक श्री मुन्ना ने कहा कि एक अनोखा शुरूआत हिन्दी विभाग के द्वारा हुआ है. और इस नायाब कार्य को अंजाम दिया है सत्र 2020-22 के छात्रों ने. उन्होंने अपने बीते एक वर्ष विश्वविद्यालय हिन्दी की बातों को याद करते हुए कहा कि पढ़ाते समय हमें यह आभास हुआ था कि छात्रों में रचनात्मक प्रतिभा है जिसका उदाहरण यह ई-स्मारिका है. ऐसे छात्रों पर हमें नाज हैै. सीनेटर डॉ रंजन कुमार यादव ने कहा कि विभाग ही नहीं बल्कि विश्वविद्यालय में पहली बार इस तरह किसी विशेष सत्र के छात्रों द्वारा अपनी विदाई के मौके पर स्मृतिगंधा कार्यक्रम व ई-स्मारिका का प्रकाशन किया गया है. और इसका आगाज हिन्दी विभाग ने किया है।इसके लिए हिन्दी विभाग बधाई के पात्र हैं.
एस आर एफ विभीषण कुमार ने कहा की यह स्मारिका निश्चित रूप से छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा का द्योतक है. इसके माध्यम से छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. आगे भी इस तरह का एक मंच मिले, इसके लिए उन्होंने हिंदी विभाग से निकलने वाली पत्रिका का विचार दिया. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय हिंदी विभाग उत्तरी परिसर में नामांकित छात्र सत्र 2020-22 के विदाई के अवसर पर छात्रों के द्वारा कार्यक्रम स्मृतिगंधा आयोजित किया गया. स्मारिका के संपादक छात्र धीरज कुमार ने बताया कि यह स्मारिका 67 पृष्ठों की है.
इसमें मानविकी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग के सभी शिक्षक पूर्व शिक्षक सहित अन्य विभागों के विभाग अध्यक्ष के शुभकामना संदेश के साथ लगभग तीन दर्जन छात्रों में गौतम विश्वास, अमरदीप, चांदनी, आरती, निशांत, मदन, बिरेंद्र, मोहन, गुड़िया, ललन, रेणुका ऋत्विक, अंजू, रूपम, अंशु, मोना, गुड़िया, नेहा, बमबम अंजलि, शंकर, राजकुमार, ज्ञानरंजन, स्वाती, वीरेंद्र, मोनिका, सुनील, रौशन, रीमा, मेघा, अंजलि, सहित अन्य छात्रों के आलेख सचित्र प्रकाशित किए गए हैं. छात्रों का कहना है कि हमारी स्मृतियां अब इस स्मारिका के माध्यम से और समृद्ध हो गई है. जीवन में जब कभी भी इस स्मारिका को पलटेंगे इन दो वर्षों की स्वर्णिम यादें और ताजा हो जाएंगी. गूगल मीट के माध्यम से इस कार्यक्रम में विभाग व विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ सभी छात्र उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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